बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और उससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र और सशक्त होते हुए पहले डिप्रेशन बना और अब और प्रभावी होकर डीप डिप्रेशन का रूप ले चुका है। यह सिस्टम इस समय गंगीय पश्चिम बंगाल पर दिखाई दे रहा है और संभावना है कि यह धीरे धीरे पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा।
इसके प्रभाव से पूर्वी राज्यों के मौसम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। कुछ भागों में पहले से ही बारिश की गतिविधियां शुरू हो चुकी है। अगले 24 घंटों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल के सभी दक्षिणी जिलों में अधिकांश स्थानों पर मध्यम और कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
उत्तरी ओड़ीशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की जा सकती है। यह सिस्टम प्रभावी है और इसके चलते ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई भागों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान तेज़ हवाएँ भी चलेंगी। हवा की गति 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघण्टे तक जा सकती है।
इस डिप्रेशन के चलते पूर्वी भागों में हुई बारिश के आंकड़े देखें तो बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल के तटीय भागों में अच्छी वर्षा हुई है। दिघा में 35.3 मिलीमीटर, आसनसोल में 24.6 मिमी, कोलकाता में 57.8 मिमी और बांकुरा में 18.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
पश्चिम बंगाल 9 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार सामान्य बारिश के मामले में अभी कुछ पीछे है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में सामान्य से 5 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि विगत 24 घंटों के दौरान राज्य में 11.4 मिलीमीटर वर्षा हुई जबकि औसत बारिश का आंकड़ा है 8.6 मिलीमीटर। बंगाल की खाड़ी से उठे इस सिस्टम के चलते अगले 24 से 48 घंटों तक राज्य में अच्छी बारिश दर्ज किए जाने का अनुमान है। इससे संभावना है कि सामान्य बारिश के मामले में पिछड़ रहा पश्चिम बंगाल संतुलन में आ जाएगा।
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