अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो आप सोच रहे होंगे कि आखिर दिल्ली और एनसीआर में तापमान में यह अचानक वृद्धि का कारण क्या है? केवल दिल्ली और एनसीआर ही नहीं बल्कि उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में अधिकांश इलाके भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। उत्तर पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है।
प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान या यूं कहें कि 2020 में दिल्ली और एनसीआर में लू का यह पहला झटका है। राष्ट्रीय राजधानी के लोग आमतौर पर अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से ही भीषण गर्मी का सामना करने लगते हैं। अप्रैल के आखिर तक दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में लू का प्रकोप शुरू हो जाता है।
प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान अचानक मौसम बदलने यानि आँधी-तूफान और बादलों की गर्जना के साथ अचानक बारिश होने या दो-तीन लगातार बादल छाए रहने और बारिश होने की घटनाएँ भी होती हैं। और यही घटनाएँ ही बढ़ती गर्मी से कुछ राहत भी दिलाती हैं। लेकिन इस साल यह राहत काफी लंबे समय तक जारी रही और मई शुरुआती तीन हफ्तों तक गर्मी से राहत मिलती रही।
पिछले 8 से 9 दिनों से दिल्ली का मौसम शुष्क बना हुआ है। पिछले 4 दिनों से दिल्ली में गर्म और शुष्क हवाएँ चल रही हैं, जिससे तापमान में वृद्धि और प्रचंड गर्मी बढ़ती जा रही है।
दिल्ली में प्रदूषण भी बढ़ा
देश में मार्च के आखिरी सप्ताह से लागू लॉकडाउन के चलते दिल्ली में प्रदूषण के स्तर व्यापक सुधार हुआ था। इस सुधार का आलम यह था कि दिल्ली की आबो-हवा इस समय जितनी साफ हुई उतनी साफ पिछले एक-दो दशक में नहीं थी। अब लॉकडाउन -04 में कुछ रियायतें दी गईं जिसके परिणामस्वरूप यातायात में वृद्धि हुई और कारखानों में उत्पादन शुरू हुआ। साथ ही निर्माण कार्य भी शुरू होने लगे। इसके चलते दिल्ली में पिछले दिनों की तुलना में प्रदूषण बढ़ गया है।
प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण राजस्थान से आने वाली तेज धूल भरी हवाएँ भी हैं। हमारा अनुमान है कि अगले 3-4 दिनों तक इसी तरह से शुष्क और गर्म हवाएँ चलती रहेंगी जिससे ना तो लू कोई राहत नहीं मिलेगी और ना ही प्रदूषण में कमी आएगी। बल्कि आने वाले दिनों में प्रदूषण के स्तर में और भी वृद्धि होने की आशंका है।
मई के आखिर में मिल सकती है गर्मी से राहत
इस भीषण गर्मी बढ़ते प्रदूषण में 29-30 मई से कुछ कमी आने की उम्मीद की जा सकती है। उस दौरान उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आएगा और उत्तरी मैदानी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनेगा जिससे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है।
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