दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देश में जल्द दस्तक देने को है और लोगों में इसे लेकर जिज्ञासा अब बढ़ती जा रही है। इसके आगमन की बात करें तो मई की शुरुआत में स्थितियाँ अनुकूल थीं और ऐसी संभावना थी कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह तथा आसपास के क्षेत्रों में 20 मई को आ जाएगा।
हालांकि 20 मई की संभावित समय सीमा पार हो गई और अब तक अंडमान व निकोबार क्षेत्र में मॉनसून नहीं पहुंचा है। लेकिन अगले 3-4 दिनों में अंडमान सागर क्षेत्र में इसके पहुँचने के लिए अब स्थितियाँ अनुकूल बनती दिखाई दे रही हैं। मॉनसून की रफ्तार रोकने के लिए अरब सागर में उठे दोनों चक्रवाती तूफान ‘सागर’ और ‘मेकुनु’ को मुख्य तौर पर जिम्मेदार माना जा रहा है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञ के अनुसार पिछले दिनों इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस जोन (आईटीसीज़ेड) में एक के बाद एक मौसमी सिस्टम विकसित हुए जिनमें से दो सिस्टम प्रभावी होते हुए चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गए। पहले तूफान सागर ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून की हवाओं को अपनी ओर खींचा और उसके बाद आज चक्रवात में तब्दील हुए सिस्टम ‘मेकुनु’ ने मॉनसून की लय को प्रभावित किया।
चक्रवाती तूफान सागर जिबूती और यमन की ओर गया जबकि तूफान मेकुनु, ओमान और यमन की ओर बढ़ रहा है। इन दोनों सिस्टमों से भारतीय पश्चिमी तटों पर बारिश तो नहीं हुई बल्कि दक्षिण भारत में हो रही बारिश में भी कमी आ गई क्योंकि चक्रवाती तूफानों ने नमी को अपनी ओर आकर्षित कर लिया जिससे केरल में पहले से हो रही प्री-मॉनसून वर्षा में भी कमी आ गई।
चक्रवाती तूफान मेकुनु अभी भी अरब सागर के दक्षिण-पश्चिम में है और इसके भीषण से अति भीषण चक्रवात बनने के आसार हैं। यह 26 मई को ओमान और यमन के बीच लैंडफॉल कर सकता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार लैंडफॉल करने से पहले यह लगातार सशक्त होता रहेगा।
इन स्थितियों के बीच हमें चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि 25 मई तक दक्षिण भारत के दोनों तटीय क्षेत्रों यानि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दो नए मौसमी सिस्टम विकसित हो सकते हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इन सिस्टमों के प्रभाव से मॉनसून आगे बढ़ेगा और 25 मई या उससे 2 दिन बाद तक दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और सटे अंडमान सागर में पहुँच जाएगा।
[yuzo_related]
यहाँ एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दें कि मॉनसून के आने में देरी से इसके आगे बढ़ने या इसके प्रदर्शन से कोई सीधा संबंध नहीं है। फिलहाल इस बात की व्यापक संभावना है कि श्रीलंका और केरल में मॉनसून का आगमन समय पर हो सकता है।
स्काइमेट ने मॉनसून के आगमन के बारे में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में बताया था कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2018 का आगमन 28 मई को हो सकता है। इसमें 2 दिन का एरर मार्जिन भी बताया गया था।
Image credit:
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।