अरब सागर पर बना डिप्रेशन तेज़ी से प्रभावी होते हुए डीप डिप्रेशन बना और बाद में एक चक्रवाती तूफान बना। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 के बाद बनने वाला यह पहला तूफान है, जिसका नाम ‘गति’ है। यह सिस्टम भारत के तटों से दूर चला गया है। तूफान गति 23 नवंबर को भीषण चक्रवाती तूफान की क्षमता में पहुँच जाएगा और सोमालिया के रस हाफ़ून में लैंडफॉल कर सकता है। जिस समय यह तूफान लैंडफॉल करेगा, उस समय इसके आसपास हवाओं की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा या उससे भी अधिक होगी।
इस बीच बंगाल की खाड़ी पर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना है। इस सिस्टम और इसके आसपास समुद्र में तथा वायुमंडल में स्थितियाँ अनुकूल हैं जिससे यह डिप्रेशन की क्षमता में आ गया है और अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान बन सकता है। साल 2020 के मॉनसून के बाद बंगाल की खाड़ी में बनने वाले इस पहले चक्रवाती तूफान को ‘निवार’ नाम दिया जाएगा। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए अनुमान है कि यह 25 नवंबर के आसपास पुद्दुचेरी और कराईकल के बीच से लैंडफॉल करेगा।
इस सिस्टम का प्रभाव भारत के पूर्वी तटों पर दिखाई देने लगा है। आज से बादल और बढ़ जाएंगे और हवाएँ भी तेज़ हो जाएंगी। सबसे ज़्यादा बदलाव तटीय तमिलनाडु में देखने को मिलेगा। राज्य के तटीय शहरों चेन्नई से लेकर कांचीपुरम, चेंगलपट्टु, विल्लुपुरम, कुड्डालोर, पुद्दुचेरी पर सबसे ज़्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा।
तमिलनाडु के तटीय शहरों में पंबन से लेकर चेन्नई के बीच 24 और 25 नवंबर को भीषण बारिश के साथ तूफानी हवाएँ चलने की संभावना है। इस दौरान तटीय शहरों में कई जगहों पर बाढ़ की आशंका है और भारी बारिश के साथ तूफानी हवाएँ तबाही मचा सकती हैं।
इस दौरान सामान्य जन-जीवन भी व्यापक रूप में प्रभावित हो सकता है। सड़कें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जगह-जगह बिजली आपूर्ति और संचार व्यवस्था से जुड़े खंबे भी गिर सकते हैं । कई इलाकों में पेड़ उखड़ सकते हैं। बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी मध्य भागों से लेकर दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों तक समुद्र में हलचल काफी अधिक होगी जिससे मछुआरों समेत सभी समुद्री गतिविधियों को 4-5 दिनों तक स्थगित रखने के लिए चेतावनी जारी की गई है।
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