इस सीजन का पहला चक्रवात विकसित होता दिखाई दे रहा है। अनुमान है कि बंगाल की खाड़ी में अगले सप्ताह की शुरुआत में चक्रवाती तूफान बन सकता है। हालांकि खाड़ी में उठे इस सिस्टम को अभी लंबी यात्रा तय करनी है। इसकी लंबी यात्रा से ही चक्रवाती तूफान की दिशा और इसकी क्षमता का पता चलेगा। आइए एक नजर डालते हैं संभावित तूफान की दिशा क्षमता और इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर।
अगर बंगाल की खाड़ी में सिस्टम प्रभावी होकर चक्रवाती तूफान बनता है तो इस सीजन का पहला तूफान होगा और इसे फ़ानी नाम दिया जाएगा।
चक्रवात की सफ़र
इस समय यह सिस्टम हिंद महासागर में भूमध्य रेखा के पास और दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी के सुदूर क्षेत्रों पर एक कमज़ोर चक्रवाती क्षेत्र के रूप में दिखाई दे रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम शुरुआत में उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा और अगले 24 घंटों के दौरान यह और प्रभावी बनेगा। उम्मीद है कि 25 अप्रैल को यह सिस्टम निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी भागों तथा इससे सटे हिंद महासागर पर पहुंच जाएगा।
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संभावित मौसमी सिस्टम 26 अप्रैल तक सशक्त होते हुए डिप्रेशन बन सकता है और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिमी हिस्सों तथा हिंद महासागर के भागों पर पहुंच सकता है। उसके बाद भी वायुमंडलीय स्थितियां इसके पक्ष में रहेंगी जिससे यह लगातार सशक्त होता रहेगा और पहले डीप डिप्रेशन बनेगा उसके बाद अगले 3 दिनों में यानी 29 अप्रैल तक आखिरकार चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा।
अनुकूल मौसम स्थितियां
यह सिस्टम जिस स्थान पर उठ रहा है उससे आगे की पूरी की पूरी यात्रा में इसे मौसमी स्थितियों का भरपूर सहयोग मिलेगा। चक्रवाती तूफान बनने के लिए कुछ निश्चित मौसमी स्थितियां अनुकूल होनी आवश्यक हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- समुद्र की सतह का तापमान : समुद्र में विकसित हुए किसी भी सिस्टम के लिए चक्रवात बनने से पहले उसे लंबी समुद्री यात्रा तय करने की जरूरत होती है। समुद्र की सतह का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होना भी आवश्यक है। इस समय बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है जो स्पष्ट रूप से सिग्नल है चक्रवाती तूफान के विकसित होने के लिए अनुकूल मौसम का।
- वर्टिकल विंड शीयर : समुद्री सिस्टम के प्रभावी होने के लिए विंड शीयर नीचे होना जरूरी है। इस समय इस सिस्टम के पास विंड शीयर नीचे ही है, जिससे सिस्टम के धीरे-धीरे प्रभावी होने में मदद मिलेगी।
- लंबी समुद्री यात्रा : जब किसी सिस्टम की समुद्री यात्रा लंबी होती है तब इसके प्रभावी होने के आसार बहुत अधिक होते हैं। संभावित चक्रवाती का पूर्ववर्ती सिस्टम तूफान बंगाल की खाड़ी के सुदूर दक्षिण पूर्वी भागों और इससे सटे हिंद महासागर के ऊपर है। यानि इसे एक लंबा समुद्री सफर तय करना है जो निश्चित तौर पर सिस्टम के आसपास आर्द्रता को निरंतर इकट्ठा करने में मदद करेगा, जिससे यह सिस्टम प्रभावी बनेगा।
- एमजेओ : माडन जूलियन ओषिलेशन, एक महत्वपूर्ण मौसमी पहलू जो इस समय हिन्द महासगर से होकर गुज़र रहा है। यह मौसमी स्थितियों को चक्रवात के पक्ष में बनाएगा।
- आई टी सी ज़ेड : इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस जोन, यानी आईटीसीज़ेड वर्तमान समय में हिंद महासागर में भूमध्य रेखा के पास है और यह चक्रवाती तूफान को बनाने में मदद करेगा।
क्षमता
खाड़ी में उठने वाले सिस्टम के चक्रवाती तूफान बनने की पूरी संभावना है। हालांकि सभी अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद हमारा अनुमान है कि डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक भीषण चक्रवाती तूफान बनता दिखाई नहीं दे रहा। इसके पीछे कारण यह है कि संभावित चक्रवाती तूफान निचले लैटीट्यूड पर यात्रा करेगा और भूमध्य रेखा के काफी करीब होगा। तय नियमों को अगर देखें तो भूमध्य रेखा के पास विकसित होने वाला सिस्टम बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं होता है।
तूफान की दिशा : चक्रवाती तूफान की दिशा क्या होगी यह निश्चित कर पाना अभी मुश्किल है। मौसम से जुड़े मॉडल इसकी दिशा को लेकर एक मत नहीं है। कुछ मॉडल संकेत कर रहे हैं कि यह भारत के तटीय भागों के पास चेन्नई के करीब से लैंडफॉल करेगा जबकि अन्य मॉडल बता रहे हैं कि यह बंगाल की खाड़ी में शुरुआती सफर के बाद अपनी दिशा बदलेगा और बांग्लादेश तथा म्यांमार की ओर जाएगा।
इसकी दिशा कोई भी हो लेकिन यह तो लगभग तय है कि चेन्नई सहित तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा देखने को मिलेगी नीचे हालांकि इसकी दिशा पर यह निर्भर करेगा कि चेन्नई सहित भारत के पूर्वी तटों पर बारिश कितनी होगी। नीचे दिए गए मैप में हमने इसकी संभावित दिशा को दिखाने का प्रयास किया है।
पहली संभावना अगर प्रबल होती है तो चेन्नई सहित तमिलनाडु के तटीय भागों पर भीषण बारिश होगी। दूसरी संभावना के अनुसार इन भागों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी जबकि तीसरी संभावना में बारिश और कम देखने को मिलेगी। हालांकि अभी लगभग 6 दिन का समय बाकी है। जैसे-जैसे दिन बीतते जाएंगे सिस्टम आकार लेता जाएगा और इस सप्ताह के आखिरी तक तस्वीर साफ होती जाएगी।
Image Credit: The Buffalo News
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