बंगाल की खाड़ी में विकसित हुआ चक्रवाती तूफान ‘वरदा’ जल्द ही और उग्र हो सकता है। वर्तमान मौसमी परिदृश्यों के अनुसार जल्द ही इसके भीषण चक्रवात का रूप धारण करने की व्यापक संभावना है। यह चक्रवात अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में भारी बारिश दे रहा है। स्काइमेट का अनुमान है कि समुद्र की वर्तमान स्थिति इसके और सशक्त होने के लिए अनुकूल है। बीते 6 घंटों के दौरान यह धीरे-धीरे प्रभावी हुआ है और लगातार उत्तर की दिशा में 10 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से आगे बढ़ता रहा है।
इस समय चक्रवात वरदा विशाखापत्तनम से लगभग 990 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। मछलीपट्टनम से इसकी दूरी 1090 किलोमीटर के आसपास की है। पोर्ट ब्लेयर से पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में 250 किलोमीटर दूर दिखाई दे रहा है। जैसा कि स्काइमेट ने पहले ही इसकी दिशा के बारे में अनुमान लगाया था, वरदा शुरुआत में उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा और इसकी दिशा में परिवर्तन आएगा जिससे यह पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में आगे का सफर तय करेगा।
तूफान ‘वरदा’ अगर अब तक के संकेतों के आधार पर आगे का समुद्री सफर तय करता है तो यह 12 दिसम्बर की दोपहर या शाम को आंध्र प्रदेश के तटीय भागों से नेल्लोर और काकीनाड़ा के मध्य से भारत में प्रवेश करेगा। हालांकि लैंडफाल के दौरान इसकी क्षमता कुछ कम हो जाएगी। लेकिन आंध्र प्रदेश के तटीय भागों में यह 11 दिसम्बर से ही अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देने लगेगा। स्काइमेट के अनुसार आंध्र प्रदेश में 12 दिसम्बर से व्यापक बारिश होने के आसार हैं।
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