भारत के दोनों तरफ समुद्री क्षेत्रों में मॉनसून ख़त्म होने के बाद अक्तूबर से चक्रवाती तूफान विकसित होने की संभावना बनने लगती है। मौसम से जुड़े मॉडल अब संकेत कर रहे हैं कि आने वाले 10 दिनों में हमे तीन चक्रवाती तूफान देखने को मिल सकती हैं। इसमें से दो चक्रवाती तूफान ऐसे होंगे जिनके बीच का अंतर महज़ दो दिनों का हो सकता है।
इसमें यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि मॉनसून की वापसी के बाद भी भारत के दोनों तरफ यानि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में समुद्री हलचल काफी अधिक हो रही है और इसके लिए इंडियन ओशन डायपोल (IOD) और और मॉडन-जूलियन ऑसिलेशन (MJO) को मूलतः जिम्मेदार माना जा सकता है।
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चक्रवाती तूफान “क्यार”
तीन चक्रवाती तूफानों की शृंखला की शुरुआत होगी अरब सागर में महाराष्ट्र के तटों के पास चक्रवाती तूफान “क्यार” (Kyarr) के साथ। अरब सागर में एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह अगले 24 घंटों में डिप्रेशन बन जाएगा। इसके बाद यह 25 अक्टूबर से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने लगेगा और ऐसे क्षेत्र में पहुँच जाएगा जहां 29-30 डिग्री का अनुकूल तापमान होगा और मदद करने वाली हवाएँ होंगी।
संभावित डिप्रेशन 26 अक्टूबर तक डीप डिप्रेशन बन जाएगा और आगे इसके चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।
चक्रवाती तूफान “महा”
बंगाल की दक्षिण खाड़ी में 25 अक्टूबर तक एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह सिस्टम उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु और श्रीलंका के करीब से आगे बढ़ेगा। चूंकि कम दबाव बेहद अनुकूल वातावरण में चल रहा होगा इसलिए हमें उम्मीद है कि यह 26 अक्टूबर तक प्रभावी निम्न दबाव बन जाएगा या डिप्रेशन बन जाएगा।
यह डिप्रेशन 27 अक्टूबर तक तमिलनाडु में चेन्नई के दक्षिण में पुडुचेरी और नागपट्टिनम के बीच से लैंडफॉल कर सकता है। इस समय के दौरान कुड्डलोर, नागपट्टिनम, पुडुचेरी, पंबन, कराईकल, तूतीकोरिन और चेन्नई जैसे कई क्षेत्रों में भीषण बारिश की आशंका है।
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संभावित सिस्टम तमिलनाडु को पार करते हुए केरल में भी पहुंचेगा हालांकि लैंडफॉल के बाद यह कमजोर भी हो जाएगा। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 28 अक्टूबर तक यह फिर से कम दबाव के रूप में केरल तट से अरब सागर पर पहुँच जाएगा। जहां इसे अनुकूल स्थितियाँ मिलेंगी और यह प्रभावी होने लगेगा। परिणामस्वरूप चक्रवाती तूफान “महा” अरब सागर में 30 अक्तूबर के आसपास विकसित हो सकता है।
लेकिन तूफान “क्यार” की तरह ही इस यह संभावित तूफान के भी यमन या ओमान तट की ओर समान दिशा में जाने की उम्मीद है।
चक्रवात “बुलबुल”
इस समय जैसा कि हमने पहले ही बताया भारत के दोनों ओर समुद्र में हलचल काफी बढ़ गई है। एक तरफ जहां अरब सागर में क्यार और महा ओमान या यमन की तरफ जा रहे होंगे तो दूसरी ओर एक अन्य प्रभावी मौसमी सिस्टम फिलीपींस 27 अक्तूबर के आसपास दक्षिण चीन सागर के करीब पहुँच रहा होगा। जहां यह तकरीबन दो दिन रुकेगा उसके बाद कमजोर होकर वियतनाम या लाओस की तरफ आ जाएगा।
इस सिस्टम की आगे की यात्रा जारी रहेगी और थायलैंड या म्यांमार होते हुए 1 या 2 नवम्बर को आखिरकार बंगाल की खाड़ी पहुंचेगा। बंगाल की खाड़ी में समुद्र काफी अनुकूल स्थिति में है, जिससे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सिस्टम चक्रवाती तूफान का रूप ले ले। अगर यह तूफान बनता है तो इसे बुलबुल नाम दिया जाएगा। और यह इस सीज़न में बंगाल की खाड़ी में पहला तूफान होगा।
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