मौसम के संदर्भ में वर्ष 2019 अच्छे मॉनसून और बड़ी संख्या में तूफानों के नाम रहा। वर्ष 2019 में भारत के दोनों तटीय क्षेत्रों में कुल मिलकर 8 चक्रवाती तूफान विकसित हुए थे। वर्ष 1976 के बाद एक साल में यह सबसे अधिक चक्रवाती तूफानों की संख्या है।
इन 8 तूफानों में 6 तूफानों की श्रेणी अति भीषण चक्रवात की थी। इसमें भी दिलचस्प यह है कि 2019 में सबसे ज़्यादा तूफान अरब सागर में बने। कुल 5 तूफान विकसित हुए थे। आमतौर पर बंगाल की खाड़ी अरब सागर की तुलना में ज़्यादा सक्रिय रहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बंगाल की खाड़ी में कई बार उत्तरी प्रशांत महासागर में बनने वाले टाइफून या तूफान दक्षिणी चीन सागर होते हुए वियतनाम और थाईलैंड को पार करते हुए उत्तरी अंडमान सागर पर पहुँचते हैं, जहां पहले से अनुकूल वातावरण उनकी प्रतीक्षा कर रहा होता है। यही सिस्टम बंगाल की खाड़ी में फिर से तूफान बनते हैं।
वर्ष 2019 में हिन्द महासागर में आईओडी (इंडियन ओषन डायपोल) सबसे ज़्यादा प्रभावशाली रहा। आईओडी के चलते समुद्र की सतह गर्म होती है। सकारात्मक आईओडी के चलते सोमालिया क्षेत्र में इन्डोनेशिया की तुलना में समुद्र की सतह ज़्यादा गर्म होती है, जो निम्न दबाव का क्षेत्र या तूफान बनने में मदद करती है।
पूरे साल में भारत के दोनों समुद्री क्षेत्रों पर तूफान बनने की संभावना सबसे अधिक मई-जून और अक्टूबर-नवंबर में होती है। इसमें भी नवंबर में पहले नंबर पर आता है जबकि मई दूसरे नंबर पर। यद्यपि भारत का समूचा तटवर्ती क्षेत्र तूफानों के रडार पर होता है लेकिन पूर्वी तट पर खतरा ज़्यादा रहता है। कभी-कभी अपवाद भी होते हैं, जैसा कि हमने 2019 में देखा, जब अरब सागर ज़्यादा सक्रिय था।
2019 का पहला तूफान ‘पाबुक’ बंगाल की खाड़ी में जनवरी के पहले सप्ताह में बना था। जबकि जनवरी में तूफान बनने की संभावना बहुत कम होती है। साल का आखिरी तूफान ‘पवन’ दिसम्बर में विकसित हुआ था।
2019 की तुलना में इस साल अब तक केवल दो चक्रवाती तूफान विकसित हुए हैं। एक अरब सागर में और एक बंगाल की खाड़ी में। साल का पहला तूफान ‘अंफन’ मई में बंगाल की खाड़ी में बना, जो अत्यंत भीषण चक्रवात बना। दूसरा तूफान ‘निसर्ग’ अरब सागर में जून में विकसित हुआ। अब अक्टूबर का पहला हफ्ता बीत गया है लेकिन चक्रवाती तूफान उठने की हलचल अब तक नज़र नहीं आ रही है। जबकि अक्टूबर और नवंबर में तूफान बनने की संभावना सबसे ज़्यादा रहती है।
हालांकि महीने का दूसरा चक्रवाती तूफान 9 अक्टूबर तक विकसित हो जाएगा। यह डिप्रेशन की क्षमता तक जा सकता है लेकिन इसके तूफान बनने की संभावना बहुत कम है। हालांकि समुद्र की सतह का तापमान अब भी गर्म है इसलिए अक्टूबर के आखिर में या नवंबर में तूफान बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन अब साल 2020 के मात्र तीन महीने बचे हैं इसलिए इसके समुद्री तूफानों की संख्या के मामले में 2019 से बराबरी करने या उससे आगे निकल जाने की संभावना बहुत कम है।
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