बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात रोआनू
और प्रभावी हो गया है। इस समय यह आंध्र प्रदेश के तटों के करीब है और धीरे-धीरे उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे निकल रहा है। चक्रवात मछिलीपट्टनम के दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व में 85 किलोमीटर की दूरी पर लैटिट्यूड 15.6°N और लोंगीट्यूड़ 81.6°E पर है। विशाखापत्तनम से रोआनू
चक्रवात की दूरी दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व में 290 किलोमीटर है।
यह सिस्टम वर्तमान में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे निकल रहा है। संभावना है कि रोआनू चक्रवात अगले 12 घंटों में भीषण चक्रवात का रूप ले लेगा। इस समुद्री तूफान के चलते आंध्र प्रदेश के नेल्लोर और विजयवाड़ा जैसे कई हिस्सों में पहले से ही तूफानी हवाओं के साथ भीषण बारिश शुरू हो गई है।
स्काइमेट के अनुसार चक्रवाती तूफान रोआनू उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेगा और बांग्लादेश में इसका लैंडफॉल 21 मई की रात या 22 मई की सुबह तक हो सकता है। हालांकि लंबा सफर तय कर बांग्लादेश के करीब पहुँचते-पहुँचते यह चक्रवात अपनी कुछ क्षमता खो सकता है, लेकिन फिर भी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के तटीय भागों को व्यापक रूप में यह प्रभावित करेगा।
इसके प्रभाव से तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ भागों में अत्यधिक बारिश दर्ज की गई है। दक्षिणी तटवर्ती ओड़ीशा में भी मध्यम से भारी बौछारें शुरू हो चुकी हैं। तटीय आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं। इन राज्यों के तटवर्ती भागों में चक्रवात के चलते बाढ़ की विभीषिका देखने को मिल सकती है। साथ ही 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ भी चलेंगी। हवा की गति कभी-कभी 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है। गंगीय पश्चिम बंगाल में भी मध्यम से भारी बारिश होने के आसार हैं। तमिलनाडु और केरल में बारिश में कमी आएगी।
इससे पहले चक्रवात ने तमिलनाडु के तटवर्ती जिलों में भारी बारिश दी है। चेन्नई में भी व्यापक रूप में वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है। केरल में भी इसके चलते कई जगहों पर वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली। हालांकि चक्रवात के आगे बढ़ जाने से इन राज्यों में बारिश में कमी आ गई है।