Updated on May 30, 2017, 10:00 AM: भीषण चक्रवात पहुंचा बंग्लादेश, पूर्वोत्तर राज्यों में भीषण वर्षा
बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान भीषण चक्रवात का रूप ले चुका है। बंग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भीषण समुद्री तूफान के रूप में मोरा आज सुबह 7 बजे चिटगाँव के पास से बंग्लादेश में पहुँच गया। चक्रवात के बंग्लादेश को हिट करते समय हवाओं की रफ्तार 90 से 120 किलोमीटर प्रतिघण्टे तक थी।
बंग्लादेश में भीषण बारिश तो होगी ही इसके प्रभाव से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के मिज़ोरम और त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों में 60 किलोमीटर प्रतिघण्टे की गति से चल रही हवाओं के साथ भीषण बारिश दर्ज की जा सकती है। तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश सामान्य जन जीवन को प्रभावित कर सकती है। आशंका है कि इस तूफान के चलते कच्चे घरों को नुकसान होगा। इसके अलावा पेड़ों और खंभों के उखड़ने से विद्युत और संचार सेवाएं चरमरा सकती है।
लैंडफॉल के साथ ही तूफान की गति कम हो जाएगी और ज़मीनी हिस्सों पर पहुँचने के बाद नमी कम मिलने के चलते यह तेज़ी से कमजोर होगा। अनुमान है कि अगले 12 घंटों में कमजोर होते हुए डीप डिप्रेशन बनेगा और उसके बाद डिप्रेशन का रूप ले लेगा। हालांकि पूर्वोत्तर भारत में अगले 24 घंटों तक मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
Published on May 29, 2017: बंगाल की खाड़ी में बना डीप-डिप्रेशन बहुत तेज़ी से सशक्त होते हुए चक्रवात बन गया है। चक्रवाती तूफान ‘मोरा’ के अगले 12 घंटों में और सशक्त होकर भीषण चक्रवात का रूप लेने की आशंका है। चक्रवात मोरा बांग्लादेश के तटों की ओर 13 किलोमीटर प्रतिघण्टे की गति से उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह इस समय कोलकाता से 685 किलोमीटर दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व में जबकि चिटगाँव से 585 किलोमीटर दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम में है।
चक्रवात मोरा अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को बंगाल की खाड़ी के कुछ और भागों तथा अरब सागर में आगे बढ़ाने में मददगार होगा। उसके पश्चात की 24 घंटों की अवधि में चक्रवाती तूफान मोरा के चलते मॉनसूनी हवाएँ केरल में पहुँच सकती हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार चक्रवाती तूफान मोरा उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ता रहेगा और चिटगाँव के पास 30 मई को बांग्लादेश के तटों पर हिट कर सकता है।
मोरा जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनती जा रही हैं। स्काइमेट के अनुमानों के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों में आज से ही मध्यम से भारी वर्षा शुरू हो जाएगी। चक्रवाती तूफान मोरा 30 मई को बांग्लादेश के तटों के पास होगा जिसके चलते पूर्वोत्तर राज्यों में 30 मई को कई जगहों पर मूसलाधार वर्षा हो सकती है। असम और मेघालय में एक-दो स्थानों पर भीषण बारिश की आशंका है।
इस चक्रवाती सिस्टम का प्रभाव भारत के पूर्वी तटों पर ओड़ीशा से लेकर पश्चिम बंगाल तक दिखाई देगा। अगले 24 घंटों के दौरान कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा के तटों के नज़दीक वाले क्षेत्रों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं।
अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल के तटीय हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में 45 से 55 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से तूफानी हवाएँ चल सकती हैं। बीच-बीच में हवा की गति 65 किलोमीटर प्रतिघण्टे तक जा सकती है। दक्षिणी असम, मेघालय, मिज़ोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में 30 मई को हवाओं की गति ऐसी ही हो सकती है।
बंगाल की खाड़ी विशेषकर अंडमान सागर के उत्तर में अगले 48 घंटों के दौरान समुद्र में 50 से 65 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से हवाएँ चलेंगी। समुद्र में उथल-पुथल की स्थिति बनी रहेगी जिसके चलते मछुआरों को सलाह दी गई है कि अगले 2 दिनों तक समुद्र में अपनी गतिविधियों को बंद रखें।
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