अरब सागर में इस सीज़न का दूसरा चक्रवाती तूफान विकसित होने वाला है। अनुमान है कि संभावित चक्रवाती तूफान ‘मेकुनु’ भी चक्रवात सागर के रास्ते पर ही जाएगा। स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था, अरब सागर में बना सिस्टम प्रभावी होते हुए सोमवार की सुबह ही गहरे निम्न दबाव का रूप ले चुका है। यह जल्द ही और प्रभावी होगा।
इस समय सैटेलाइट तस्वीरें अरब सागर के दक्षिणी हिस्सों में घने बादल दिखा रही हैं जिससे इस बात की संभावना है कि यह डिप्रेशन का रूप अब तक ले चुका है और जल्द ही चक्रवात बन सकता है। यह सिस्टम उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे जाएगा और ओमान के तटों पर हिट करेगा। इस समय यह ओमान के मसीराह द्वीप से लगभग 1350 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक जैसे-जैसे यह सिस्टम आगे बढ़ता रहेगा यह और प्रबल होता जाएगा। सिस्टम के और प्रभावी होने के लिए समुद्र की सतह का तापमान, समुद्र की सतह से ऊंचाई पर हवाओं की गति में कम अंतर और लंबी समुद्री यात्रा सहित सभी स्थितियाँ अनुकूल हैं। इसके आसपास समुद्र की सतह का तापमान 31 डिग्री के आसपास है।
स्काइमेट के मौसम एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख एवीएम जीपी शर्मा के अनुसार समुद्र की सतह का तापमान बहुत कम समय ही 31 डिग्री के आसपास पहुंचता है। श्री शर्मा के अनुसार सिस्टम को और मजबूती देने के लिए समुद्र की सतह पर यह तापमान काफी अनुकूल है।
इस समय अरब सागर के ऊपर दिखाई दे रहे बादलों की स्थिति को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि अगले 24 घंटों में यह चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। अगले कुछ घंटों तक यह सिस्टम पश्चिमी दिशा में जाएगा और उसके बाद आगे का सफर पश्चिमी-उत्तर पश्चिमी दिशा में तय करेगा।
इसके ओमान या यमन जाने के आसार हैं। इससे पहले रास्ते में सोमालिया को यह सीधे तौर पर हिट नहीं करेगा लेकिन सोमालिआ के पास से इसके गुज़रने के चलते यहाँ भी तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश के आसार हैं। इससे पहले इन क्षेत्रों पर सागर तूफान पहुंचा था जिसके चलते मध्य-पूर्व और पूर्वी अफ्रीका में 16 लोगों की मौत हो गई। सैंकड़ों लोगों के घायल होने और हज़ारों के बेघर होने की भी ख़बर है।
इस बीच अरब सागर में विकसित हो रहे चक्रवाती तूफान मेकुनु का भी असर सागर की तरह ही भारतीय भू क्षेत्र पर देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि यह सिस्टम दक्षिणी प्रायद्वीप और आसपास के भागों की हवा को अपनी ओर खींच लेगा जिससे इन भागों का मौसम प्रभावित हो सकता है। केरल में पिछले दिनों से अच्छी बारिश हो रही थी। अब इसमें कमी आ रही है क्योंकि अरब सागर में बना मौसमी सिस्टम आर्द्र हवाओं को अपनी ओर खींच ले रहा है।
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मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून के आगमन से पहले केरल में इस समय दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलना शुरू हो जाती हैं लेकिन इस सिस्टम के प्रभाव से हवाएँ अरब सागर में सिस्टम की ओर मुड़ गई हैं और केरल में उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। हालांकि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2018 के लिए यह चिंता का कारण नहीं है क्योंकि यह संभावित तूफान जल्द ही आगे निकल जाएगा और हवा फिर से बदलेगी।
इसके आगे बढ़ने के बाद केरल में जल्द ही दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलना शुरू होंगी क्योंकि अरब सागर में एक नया चक्रवाती सिस्टम भी विकसित होने वाला है। यही सिस्टम दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को केरल सहित भारत के भू-भाग पर लाने में अहम भूमिका अदा करेगा।
Image credit: Deccan Chronicle
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