बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र प्रभावी होते हुए अब गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है। मंगलवार, 29 अक्टूबर को यह कोमोरिन क्षेत्र पर है और आज रात या कल सुबह तक यह सिस्टम डिप्रेशन का रूप ले सकता है।
यह मौसमी सिस्टम शुरू में उत्तर-पश्चिम दिशा में चलता रहेगा। दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर पहुंचे कर यह और शक्तिशाली बन सकता है क्योंकि इसे समुद्र में परिस्थितियां अनुकूल मिलने वाली हैं। समुद्र की सतह का तापमान 29-30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा और विंड शीयर भी लो है।
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यानि इस साल अरब सागर में चौथा चक्रवात बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। अगर यह चक्रवाती तूफान बनता है तो इसका नाम होगा ‘महा’। वायु, हिका और क्यार के बाद अरब सागर में यह चौथा चक्रवात होगा।
अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी में आमतौर पर चक्रवातों की संख्या अधिक होती है। हालांकि, इस साल स्थिति अलग है। अरब सागर में पहले से ही तीन चक्रवात बन चुके हैं और चौथा शीघ्र ही बनने के लिए तैयार है।
English Version: After Kyarr, Cyclone Maha likely to form in Arabian Sea, heavy rain in Tamil Nadu, Karnataka, Kerala, Lakshadweep
अरब सागर में अधिक चक्रवात बनने का कारण सकारात्मक इंडियन ओशन डायपोल को जिम्मेदार माना जा सकता है। यह आमतौर पर कम ही होता है कि आईओडी इतने लंबे समय तक सकारात्मक और सक्रिय रहे जिससे समुद्री की सतह का तापमान चक्रवात बनने के लिए अनुकूल बना रहे।
चक्रवात ‘महा’ अरब सागर में बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस तूफान के भी वर्तमान सुपर साइक्लोन क्यार के रास्ते पर ही चलने की संभावना है। यानि कि संभावित चक्रवाती तूफान महा भी पश्चिम दिशा में यमन या ओमान तट की ओर जा सकता है।
इसका सीधा असर भारत के मुख्य भू-भाग पर पड़ने की आशंका फिलहाल नहीं है। हालांकि चक्रवात का रूप लेने से पहले यह सिस्टम अगले कुछ दिनों में, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक के साथ-साथ लक्षद्वीप में भारी से अति भारी बारिश देता रहेगा।
तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक तटों के पास समुद्र में कम से कम 15 फीट ऊंची लहरें उठने और तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है।
Image credit: Thenewsminute
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