सीजन के पहले चक्रवात की अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र ने पूर्व-मध्य अरब सागर पर अब एक डिप्रेशन का रूप ले लिया है। इतना ही नहीं, क्लाउड कॉन्फ़िगरेशन और वायुमंडलीय परिस्थितियां यह संकेत दे रही हैं कि डिप्रेशन पहले से ही डीप डिप्रेशन में तेज हो गया है। इसके कारण ही, स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, अगले 24 घंटों में यह सिस्टम किसी भी समय उष्णकटिबंधीय तूफान 'क्यार' (Kyarr) में मजबूत हो सकता है।
हालांकि, इस संभावित चक्रवाती तूफान के ओमान और यमन तट की ओर बढ़ने की संभावना है। इस समय यह प्रतीक्षा करने और देखने की स्थिति है। जैसा कि स्काइमेट द्वारा बार-बार बताया गया है कि, इस समय अरब सागर में बनने वाले 80 प्रतिशत चक्रवात ओमान या यमन की ओर ही जाते हैं। बहुत कम ही ऐसे होते हैं जो गुजरात या उससे सटे कराची तट की ओर बढ़ते हैं।
यह मौसम प्रणाली फिलहाल अक्षांश 15.4 ° N और देशांतर 70.4 ° E पर केंद्रित है। जो रत्नागिरि से 340 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिमी दिशा में, मुंबई से 460 किमी दक्षिण-पश्चिमी में और सलाला,ओमान से 1710 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह प्रणाली अक्टूबर तक तट के करीब उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा में बढ़ती रहेगी।
इसके बाद, इस प्रणाली के फिर से अपनी दिशा बदलकर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। जैसा कि, यह फिर से खुले पानी में डुबकी लगाएगा चक्रवात क्यार (Kyarr) 29 डिग्री सेल्सियस के साथ गर्म समुद्री सतह के तापमान (SST) का सामना करेगा। आपको बता दें कि, चक्रवात के गठन के लिए आवश्यक न्यूनतम एसएसटी 27 डिग्री सेल्सियस है।
इसके अलावा, तट से दूर जाने पर, ऊर्ध्वाधर विंड शियर भी कम होगी। इसके साथ, संभावित चक्रवात में तीव्रता दिखाई देगी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, सिस्टम धीरे-धीरे अधिक स्पष्ट और परिभाषित विशेषताओं के साथ अधिक समेकित और कॉम्पैक्ट होता जा रहा है।
जैसे-जैसे यह अधिक सटीक होता जाएगा, सिस्टम इसके चारों ओर के मौसम को नियंत्रित करना शुरू कर देगा। चक्रवाती तूफान बनने की अपनी प्रक्रिया के दौरान, चक्रवाती तूफान 'क्यार' (Kyarr) कि वजह से भारतीय तट पर भारी बारिश होगी। इस दौरान खासकर तटीय कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के दक्षिणी कोंकण क्षेत्र में ज्यादा खतरा बनी रहेगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, तटीय कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र इन तीनों क्षेत्रों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी से बेहद भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, होनवर, मेंगलुरु, गोवा, रत्नागिरी और वेंगुरला के हिस्से भी अधिक प्रभावित होंगे। यही नहीं, संभावित चक्रवात क्यार (Kyarr) के कारण मुंबई, पुणे और नासिक में कुछ स्थानों पर तेज बारिश के साथ कहीं-कहीं मध्यम बारिश हो सकती है।
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जब तक यह चक्रवात बनेगा, तब तक यह भारतीय तट से दूर चला गया होगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वर्षा की अधिकांश गतिविधियाँ तब तक समुद्र तक ही सीमित हो जाएगी लेकिन इस सिस्टम के बाह्य उपकरणों के कारण भारतीय तट पर लगातार कुछ न कुछ बारिश जारी रहेगी।
Image Credits – Skymet Weather
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