Updated on April 29, 2019 at 12:20 PM अत्यंत भीषण चक्रवात बन सकता है तूफान फ़ानी, पूर्वी तटों पर 30 अप्रैल से देगा बारिश
पिछले 24 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान फ़ानी उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ा है। चक्रवाती तूफान फ़ानी सोमवार की सुबह भी आगे बढ़ने के बावजूद बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भागों पर है। श्रीलंका के त्रिंकोमली से यह पूर्व-दक्षिण-पूर्व में 600 किलोमीटर दूर था। इसी समय चेन्नई से इसकी दूरी 840 किलोमीटर दक्षिण-पूर्वी में थी जबकि मछलीपट्टनम से यह दक्षिण-दक्षिण पूर्व में 1000 किलोमीटर की दूरी पर था।
चक्रवाती तूफानी फ़ानी की आगे बढ़ने की गति अब काफी कम हो गई है। पिछले कुछ घंटों के दौरान यह 4 से 5 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा है। इसके कारण इसके और प्रभावी होने की संभावना काफी प्रबल हो गई है। यही नहीं इस समय सैटेलाइट की तस्वीरें स्पष्ट संकेत कर रही हैं यह भीषण चक्रवाती तूफान बन चुका है। तूफान के आसपास बेहद घने बादल बन गए हैं और इसके आसपास की पर्यावरणीय स्थितियाँ इसे और प्रभावी बनाने के लिए अनुकूल बनी हुई हैं।
स्काइमेट के अनुसार चक्रवाती तूफान फ़ानी के भीषण रूप अख़्तियार करने के लिए मौसमी परिदृश्य पूरी तरह से अनुकूल है। समुद्र की सतह का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच है और वर्टीकल विंड शीयर भी नीचे है। इसके चलते इस बात के पूरे आसार हैं कि अगले 24 घंटों में तूफान फ़ानी अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान बन जाएगा। उसके बाद अगले 24 घंटों में ही यह सिस्टम और भयंकर रूप ले लेगा।
Published on April 28, 2019 at 01:00 PM जल्द भीषण चक्रवात बन सकता है तूफान फ़ानी, भारत के पूर्वी तटों पर देगा बारिश
चक्रवाती तूफान फ़ानी लगातार प्रभावी हो रहा है। बंगाल की खाड़ी में उठा यह तूफान आज दोपहर में भीषण चक्रवात बन सकता है। यह तूफान अभी भी बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भागों के ऊपर है। हालांकि श्रीलंका और भारत के तटों के और करीब आया है। तूफान इन भागों से अभी भी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में है। रविवार सुबह तक इसकी श्रीलंका के त्रिंकोमाली से दूरी 740 किलोमीटर थी। जबकि यह चेन्नई से 1000 किलोमीटर और मछलीपट्टनम से 1220 किलोमीटर दूर था।
चक्रवाती तूफान फ़ानी आगे बढ़ते हुए प्रभावी भी होता जा रहा है क्योंकि समुद्र में इसके रास्ते में मौसमी स्थितियाँ काफी अनुकूल हैं। समुद्र की सतह का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है और जहां से चक्रवात गुज़र रहा है वहाँ विंड शीयर नीचे। यह सभी मापदंड तूफान फ़ानी को प्रभावित बनाने में मदद करेंगे। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह पहले भीषण चक्रवात का रूप लेगा उसके बाद बेहद भीषण चक्रवाती तूफान बन जाएगा।
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स्काइमेट का आंकलन है कि तूफान फ़ानी 30 अप्रैल तक उत्तर-उत्तर-पश्चिमी दिशा में ही बढ़ता रहेगा। उसके बाद इसकी दिशा में परिवर्तन की संभावना है। इस दौरान यह तूफान अगले 12 घंटों में भीषण चक्रवात बनेगा उसके बाद अगले 24 घंटों में यह अति भीषण चक्रवाती तूफान का रूप लेगा। अब से 30 अप्रैल तक भारत के पूर्वी तटों के पास समुद्र में हलचल काफी बढ़ गई है। इससे समुद्र में सभी गतिविधियों को बंद करने की चेतावनी जारी कर दी गई है।
भारत के तटीय राज्यों में खासकर केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल में सरकारें अलर्ट पर हैं। राहत एजेंसियों को भी तैयार रखा गया है। अब तक के आंकलन से पता चलता है कि तूफान फ़ानी केरल में 29 और 30 अप्रैल को बारिश देगा। उत्तरी तटीय तमिलनाडु में 30 अप्रैल और 1 मई को इसके कारण बारिश हो सकती है।
आंध्र प्रदेश में तटीय स्थानों पर 1 और 2 मई को, ओड़ीशा में 2 से 4 मई के बीच जबकि पश्चिम बंगाल के गंगीय भागों में 4 और 5 मई को बारिश होने के आसार हैं। इन सभी तटीय राज्यों में जब बारिश शुरू होगी उस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ्तार से हवाएँ चलेंगी। उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा और गंगीय पश्चिम बंगाल में हवा काफी तूफानी हो सकती है।
Image Credit: Cruise Critic
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