पूर्व-मध्य और उसके आसपास के दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के भागों पर बना डीप डिप्रेशन मंगलवार यानि 11 जून को चक्रवात वायु में बदल गया है। इस समय यह सिस्टम मुंबई से 650 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में लगभग 12.5 ° N और 70.9 ° E पर स्थित है और वेरावल से इसकी दुरी दक्षिण-पूर्वी दिशा में 850 किमी है।
चक्रवात वायु के भीषण रूप को देखते हुए सर्कार ने रेड अलर्ट जारी किया गया है। जिसके 13 जून को गुजरात तट से टकराने की संभावना है। सरकारी सुरक्षा एजेंसियां द्वारा गुजरात और दीव के तीन लाख से अधिक लोगों को अति गंभीर चक्रवात वायु के कारण दूसरे जगह पर भेजा गया है।
गुजरात के तटीय क्षेत्रों जैसे कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, जूनागढ़, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली और भावनगर में चक्रवात के कारण नुकसान होने की आशंका है।
गुजरात और दीव में लगभग 39 एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया जा रहा है, जबकि सेना की 34 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई निगरानी की जा रही है।
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आपको बता दें कि ऐसे कई अलग-अलग रंग हैं जिनका इस्तेमाल मौसम की चेतावनी जारी करने के लिए किया जाता है। अत्यधिक तापमान जैसी स्थिति या भारी बर्फ़बारी तथा बाढ़ जैसे मामले में मौसम के अलर्ट लागू होते हैं।
इन रंगों का प्रयोग मौसम की तीव्रता के आधार पर चेतावनी को अंकित करने के लिए किया जाता है। इनमें ऐसे चार रंग शामिल हैं जिनका उपयोग मौसमी चेतावनी देने के लिए होता है। आइए समझते हैं इनमे कौन-कौन से रंग शामिल हैं और इनका क्या मतलब होता है :-
1) हरा (ग्रीन अलर्ट) : हरे रंग का मतलब होता है कि सब ठीक है यानी कि मौसम सम्बन्धी कोई सलाह जारी नहीं की गई है।
2) पीला (येलो अलर्ट) : येलो रंग का मतलब है कि आप जागरूक रहें। येलो अलर्ट से लोगों को पता चलता है कि उनका स्थान खतरे में है। हालांकि, यह सामान्य आबादी के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करता है।
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3) नारंगी (ऑरेंज अलर्ट) : ऑरेंज अलर्ट को बेहद ख़राब मौसम की चेतावनी के रूप में माना जाता है। ऑरेंज अलर्ट जारी होने की स्थिति में सड़क और रेल बंद होने के साथ आवागमन में बाधा और बिजली आपूर्ति में रुकावट की संभावना बनी रहती है। यह चेतावनी लोगों को खाली करने के लिए तैयार करने, भोजन के पैकेट तैयार रखने और खराब मौसम के साथ अपने और अपने परिवार की रक्षा करने के लिए एक संकेत होता है।
4) लाल (रेड अलर्ट) : रेड अलर्ट बेहद ख़राब मौसम के लिए होता है। रेड अलर्ट उच्चतम चेतावनी है। इसके जारी होने का मतलब है कि तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इसका मतलब परिवारों को एक सुरक्षित क्षेत्र में शिफ्ट करना हो सकता है। उन्हें घरों में दूसरों के बीच रहने की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में व्यापक क्षति, यात्रा और बिजली कटने के साथ जीवन के लिए जोखिम की संभावना होती है।
स्काईमेट तूफ़ान प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देता है।
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Image Credit: KCLR 96FM
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