सितंबर महीना संपन्न होने को है। उम्मीद है कि यह कम मॉनसून वर्षा के साथ पूरा हो जाएगा। बीते 25 दिनों में महज 6 दिन ऐसे थे जब देश में कुल बारिश सामान्य से अधिक थी जबकि बाकी के 19 दिनों में या तो अधिकांश इलाकों में मौसम शुष्क रहा या सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई। अधिक वर्षा मुख्यतः 21 से 24 सितंबर के बीच दर्ज की गई। इस दौरान देश के ज़्यादातर भागों में भारी वर्षा हुई, जिससे प्रतिदिन सामान्य से लगभग 50% अधिक वर्षा आंकड़ों में रिकॉर्ड की गई।
सितंबर में आमतौर पर चक्रवाती तूफान नहीं आते हैं, लेकिन इस बार बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान विकसित हुआ और इसने कई दिन देश के 15 से अधिक राज्यों को अच्छी बारिश दी। इसके बावजूद सितंबर में अब तक मॉनसून वर्षा सामान्य से कम रही है। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार चक्रवाती तूफान डाए के आने से पहले 9 से 11 सितंबर और 15 से 20 सितंबर के बीच देश में सामान्य से 50% कम वर्षा प्रतिदिन रिकॉर्ड की गई।
देशभर में 1 से 25 सितंबर के बीच कुल 124 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है जो सामान्य यानी 150 मिलीमीटर से लगभग 17% कम है। कह सकते हैं कि चक्रवाती तूफान के बावजूद देश भर में बारिश में कमी की भरपाई नहीं हो पाई। अब मॉनसून सीजन अपनी समाप्ति की ओर है, इसमें महज़ 5 दिन बचे हैं। ऐसे में कोई ऐसी संभावना दिखाई नहीं दे रही है कि सितंबर महीने में बारिश की कमी की भरपाई हो सके।
मौसमी परिदृश्य के आंकलन के बाद मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि सितंबर महीने में जो कमी अभी 17% पर है, वह सितंबर खत्म होते-होते बढ़कर 20%तक पहुंच सकती है। इस दौरान देश के ज्यादातर हिस्सों में खासकर उत्तर, मध्य और पश्चिमी भागों में बारिश नहीं होगी। मॉनसून वर्षा कुछ क्षेत्र तक ही सीमित रहेगी, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य, पूर्वी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण भारत के राज्य शामिल हैं। उत्तर पश्चिम भारत में शुष्क मौसम के बीच जल्द ही पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून की वापसी भी शुरू होने के लिए मौसम अनुकूल बन सकता है।
Image credit: India Someday
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