दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और इससे सटे अंडमान सागर पर बना सिस्टम उम्मीद के अनुसार प्रभावी नहीं हो रहा है। पहले संभावना थी कि मई के पहले सप्ताह में चक्रवाती तूफान विकसित होगा और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए या तो भारत के पूर्वी तटों पर लैंडफॉल करेगा या रास्ता बदलकर बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ निकल जाएगा।
बंगाल की खाड़ी और इससे सटे अंडमान सागर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अप्रैल के आखिर में विकसित हुआ था। उस दौरान स्थितियां यह लग रही थी कि 30 अप्रैल से पहले ही निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाएगा और 1 मई को डिप्रेशन उसके बाद 2 मई को डीप डिप्रेशन। संभवतः 3 से 5 मई के बीच इसके चक्रवाती तूफान का रूप लेने की संभावना थी।
एमजेओ जा रहा हिन्द महासागर से दूर
लेकिन कुछ स्थितियों में बदलाव के चलते इसके प्रभावी होने की प्रक्रिया काफी धीमी रही। यह सिस्टम 1 मई को निम्न दबाव का क्षेत्र बना और उसके बाद से उसी क्षमता में और उसी स्थान पर बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मॉडन जूलियन ओषिलेशन यानी एमजेओ हिंद महासागर से दूर पांचवे या छठे चरण में जा रहा है। और वर्टिकल विंड शीयर मजबूत हो रही है। यही कारण है कि तूफान अब तक नहीं बन सका।
समुद्र की सतह का तापमान अनुकूल
समुद्र की सतह का तापमान अभी तूफान के विकसित होने के लिए अनुकूल स्थिति में है, लेकिन अगले 3 दिनों तक यह सिस्टम निम्न दबाव का क्षेत्र ही रहेगा। ज्यादा प्रभावी नहीं होगा। उसके बाद 9 मई या 10 मई को संभवतः यह तेज़ी से प्रभावी होने लगे, उसके बाद ही हम इसके प्रभावी होकर गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की उम्मीद कर सकते हैं।
अब तक की स्थितियों को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि चक्रवाती तूफान कब तक बनेगा और किस दिशा में जाएगा। हालांकि इस समय बनने वाले अधिकतर तूफान उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा में जाता है।
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