जानलेवा कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया के तकरीबन सभी देश आ चुके हैं। कुछ देशों में हालात तबाही मचाने वाले हैं तो कुछ देशों में स्थिति नियंत्रण में है।
जहां से यह वायरस दुनिया में महामारी बनकर पहुंचा है वहाँ हालात पहले से बेहतर हो गए हैं। यानि चीन में अब हर दिन मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। जबकि अमरीका, इटली, स्पेन, फ्रांस ब्रिटेन और ईरान में मंज़र तबाही का है।
8 अप्रैल की दोपहर तक पूरी दुनिया में लगभग 14 लाख लोगों में कोरोना पॉज़िटिव पाया गया है। जबकि लगभग 80 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी अब तक 5 हज़ार से ज़्यादा लोग इसकी चपेट में आए हैं। डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
आगे बढ़ाया जा सकता है लॉक डाउन
भारत में हालात काबू में ना आते देख 8 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि लॉक डाउन की अवधि 14 अप्रैल से आगे बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में भारत की जनता का दायित्व बढ़ जाता है कि नियमों और निर्देशों का सख्ती से पालन करें ताकि देश को बंदी से छुटकारा मिले और सामान्य जन-जीवन पटरी पर लौटे। ऐसा तभी होगा जब भारत से यह जड़ से खत्म हो जाए।
कैसे फैलता है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उसके मुंह और नाक से गिरने वाली बूंदों (Droplets) से यह वायरस अन्य लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह वायरस उस वस्तु या स्थान को छूने से भी किसी अन्य में फैल सकता है जिस पर किसी संक्रमित द्वारा खाँसने या छीकने की वजह से पहुंचा हो। अगर कोई व्यक्ति उस सतह या चीज़ को छूता है जिस पर वायरस है, इसके बाद अपनी आंख, नाक या मुंह को छूता है तो उस व्यक्ति में यह वायरस चला जाएगा।
आपको क्या करना चाहिए
इस बीमारी की वजह से सांस की बीमारी (जैसे कि फ़्लू) होती है। इसके अलावा, खांसी, बुखार, और ज़्यादा गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ़ होना इस बीमारी के लक्षण हैं। खुद को सुरक्षित रखने के लिए, बाहर ना निकलें। ऐसे लोगों से दूर रहें जिनमें ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई दें। जो लोग बीमार हैं उनसे एक मीटर से अधिक दूरी बनाए रखें। हाथों को ठीक से धोएं। अपने आँख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
लक्षण दिखे तो रहें सावधान
अचानक तेज बुखार होने, जुकाम और खांसी होने, शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी, लिवर और किडनी में परेशानी, सांस में तकलीफ होने, निमोनिया के लक्षण दिखने और पाचन क्रिया में अचानक तकलीफ होने पर संबद्ध एजेंसियों से संपर्क करें।
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