बीते कई दिनों से उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी भागों में आसमान साफ बना हुआ है। इसके चलते तेज़ धूप का प्रभाव उत्तर भारत के सभी भागों में देखने को मिल रहा है। तेज़ धूप और दक्षिण-पश्चिमी गर्म तथा आर्द्र हवाओं के चलते दिन और रात के तापमान में व्यापक रूप में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों के पास पहुंचने वाले पश्चिमी विक्षोभ को भी दिल्ली सहित सभी मैदानी इलाकों में बढ़ रहे तापमान का कारण माना जा रहा है।
उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में इस समय उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रवाह बीते कई दिनों से बंद है। उत्तर-पश्चिमी ठंडी हावाओं की जगह अरब सागर से उठने वाली गर्म तथा आर्द्र हवाएँ यहां पहुंच रही हैं। जिससे दिन और रात के तापमान में व्यापक बढ़ोतरी हुई है और पारा सामान्य से 5 से 6 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच गया है। स्काईमेट वेदर के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में जम्मू कश्मीर के पूर्वी हिस्सों पर बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा जिससे जम्मू कश्मीर में बारिश की गतिविधियां कम होंगी।
हालांकि अगले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के उत्तरी भागों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा और बर्फबारी देखी जा सकती है। उत्तर भारत के भागों से पश्चिमी विक्षोभ के आगे निकलते ही पहाड़ों से होकर आने वाली ठंडी और शुष्क हवाएं फिर से मैदानी राज्यों में दस्तक देंगी। इन हवाओं का प्रभाव पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य भारत के कुछ भागों तक धीरे-धीरे देखने को मिलेगा।
ठंडी हवाओं के प्रभाव से शुरुआत में मैदानी राज्यों में दिन और रात के तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। स्काइमेट का अनुमान है कि यह हवाएं इस सप्ताह के अंत तक बनी रहेंगी जिससे जल्द तापमान में बढ़ोतरी नहीं होगी और सप्ताह के अंत तक दिन में मौसम सहज जबकि सुबह और रात के समय शीतल बना रहेगा।
हालांकि वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि 26 फरवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ भारत के करीब पहुंचेगा जो अपेक्षाकृत कमजोर है और फिलहाल इससे बारिश की संभावना तो नहीं है लेकिन ठंडी हवाओं के प्रवाह में यह बाधक बनेगा। यानि कि 26 फरवरी से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान में फिर से बढ़ोत्तरी का क्रम शुरू हो सकता है।
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