उत्तर प्रदेश का मौसम समझने के लिए इसे दो भागों में विभक्त किया गया है। एक पश्चिमी, तो दूसरा पूर्वी। अपनी विपरीत भौगोलिक स्थितियों के चलते इन दोनों क्षेत्रों में मौसम का रूप और रंग भी अलग-अलग देखने को मिलता है। ये अलग बात है कि बीते कुछ वर्षों से ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव उत्तर प्रदेश के भी विभिन्न भागों के मौसम पर देखने को मिल रहा है।
वर्ष 2021 के आरंभ में उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भागों में मौसम बदला। कुछ इलाकों में बारिश दर्ज की गई। जबकि पूर्वी क्षेत्रों में ज्यादातर जगहों पर मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहा। आमतौर पर जनवरी महीने में पूर्वी उत्तर प्रदेश में ज्यादा वर्षा होती है पश्चिमी भागों में कम बारिश देखने को मिलती है। लेकिन इस बार मेरठ, मुजफ्फरनगर, नजीबाबाद, बरेली, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, बुलंदशहर, गौतमबुध नगर, गाजियाबाद समेत पश्चिमी इलाकों में 2 से 6 जनवरी के बीच कई इलाकों में काफी अच्छी बारिश दर्ज की गई। इस दौरान न्यूनतम तापमान बढ़ा। हालांकि अब मौसम साफ हो गया है और पश्चिमी भागों में ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने लगी है कोहरा भी घना दिखाई देने लगा है। अब तामपान में गिरावट होगी।
दूसरी तरफ पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी से लेकर अब तक ज्यादातर जगहों पर मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहा। हालांकि कानपुर, प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, बहराइच समेत पूर्वी इलाकों में कहीं-कहीं पर वर्षा दर्ज की गई। लेकिन यह बारिश आंकड़ों के लिहाज से उल्लेखनीय नहीं है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में अधिकांश जगहों पर दिन का तापमान सामान्य से 4 से 8 डिग्री तक ऊपर दर्ज किया जा रहा है। लखनऊ, प्रयागराज, सुल्तानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, और बांदा जैसे शहरों में अधिकतम तापमान 25 डिग्री से 28 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है। अधिकतम तापमान ही नहीं बल्कि न्यूनतम तापमान भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में 4 से 8 डिग्री ऊपर दर्ज किया जा रहा है। इस बदलाव को समझने के लिए तुलनात्मक विश्लेषण करते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनवरी 2021 के शुरुआती दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान जिस स्तर पर पहुंचा है आमतौर पर इस स्तर पर फरवरी के आखिरी या मार्च के आरंभ में पहुंचता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी अब मौसम साफ हो गया है। बारिश की गतिविधियां बंद हो गई है। इस बदलाव से उत्तर पश्चिमी दिशा से शुष्क और ठंडी हवाएं अब उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भागों में पहुंचने लगी हैं, जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। धीरे-धीरे यह ठंडी हवाएं पूर्वी उत्तर प्रदेश पर भी अपना असर दिखाएंगी इसके चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहरों में भी दिन और रात के तापमान सामान्य के आसपास आ जाएंगे और पूर्वी तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान में अंतर भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। शुष्क और साफ मौसम के साथ उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाओं का यह परिदृश्य कम से कम आगामी 1 सप्ताह तक उत्तर प्रदेश पर बने रहने की संभावना है।