वैष्णो देवी मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थस्थानों में से एक है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूरे वर्ष भर देवी के दर्शन के लिए आते हैं। माना जाता है कि मार्च से अक्तूबर महीने के बीच वैष्णो देवी जाने के लिए सबसे अनुकूल समय होता है। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। लेकिन सर्दियों के मौसम में भी वैष्णो देवी में भक्तों की लंबी कतार देखने को मिलती है। भले ही मौसम की चुनौतियाँ सामने हों लेकिन श्रद्धालु उसे दरकिनार करते हुए देश के उत्तर में निकल लेते हैं।
जनवरी की शुरुआत से जम्मू कश्मीर में मौसम का रुख बदला है और 5 व 6 जनवरी को वैष्णो देवी में बारिश देखने को मिली। अगले एक सप्ताह के मौसम पर नज़र डालें तो रुक-रुक कर बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ 10 जनवरी को जम्मू कश्मीर के पास पहुँचने वाला है। जिसके चलते जम्मू कश्मीर में 10 से 13 जनवरी के बीच कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
अनुमान है कि कटरा सहित वैष्णो देवी भवन पर 12 और 13 जनवरी को बारिश होगी। भवन पर इस दौरान बर्फ भी पड़ सकती है। बर्फबारी के चलते 12 जनवरी से अगले कुछ दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान शून्य से भी नीचे जा सकता है। दिन के तापमान में भी अच्छी गिरावट देखने को मिलेगी। जिससे भक्तों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
इसके बाद 14 जनवरी को गतिविधियां कुछ कम हो जाएंगी क्योंकि तत्कालीन पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा। लेकिन इसी से बारिश और हिमपात का अंत नहीं होगा बल्कि 15 और 16 को फिर से बारिश और बर्फबारी होने के संकेत मिल रहे हैं जब एक और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुंचेगा।
मौसम में हलचल के कारण माना जा रहा है कि आगामी एक सप्ताह के दौरान जम्मू कश्मीर में कई रास्ते बंद हो सकते हैं। रेल और सड़क यातायात व्यापक रूप में प्रभावित हो सकता है। साथ ही पिछले दिनों में हुई बर्फबारी और संभावित बर्फबारी के कारण हिमस्खलन और भूस्खलन की भी संभावना है। मौसम के बिगड़ने की आशंकाओं के मद्देनज़र 10 से 17 जनवरी के बीच वैष्णो देवी यात्रा को टालना बेहतर होगा। अगर टाल नहीं सकते तो बेहद सावधान रहने की ज़रूरत होगी।
Image credit: Amar Ujala
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