
कश्मीर घाटी में शीत लहर की स्थिति बनी हुई है और अधिकांश हिस्सों में तापमान शून्य से नीचे है। श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे सभी लोकप्रिय हिल स्टेशन इस महीने के दौरान शून्य से नीचे के तापमान से गुजर रहे हैं। श्रीनगर में आज सुबह न्यूनतम तापमान -1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान है। पिछले 4 दिनों से तापमान -1 डिग्री सेल्सियस और -2 डिग्री सेल्सियस के बीच मँडरा रहा है।
पहलगाम में न्यूनतम तापमान -3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है और गुलमर्ग पहले -3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जो सामान्य से लगभग 2-3 डिग्री सेल्सियस कम है। 2 दिन को छोड़कर इस पूरे महीने गुलमर्ग और पहलगाम शुन्य से नीचे रहे।
ऊंचाई वाले इलाकों में जल्दी बर्फबारी के बावजूद श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम के लोकप्रिय रिसॉर्ट्स में कोई महत्वपूर्ण बारिश और हिमपात नहीं हुआ है। श्रीनगर और गुलमर्ग में क्रमश: 28.3 मिमी और 52.8 मिमी के उनके मासिक सामान्य के मुकाबले 3 मिमी और 14 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
महीने के अंत तक किसी भी ज़्यादा बर्फ़बारी की संभावना नहीं है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण 24 और 29 नवंबर को ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम की थोड़ी सक्रियता हो सकती है। तदनुसार, महीने के अंत तक लगभग बेरोक टोक इस क्षेत्र में शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी।
कश्मीर में सबसे कठोर सर्दी 21 दिसंबर और 31 जनवरी के बीच होती है। इस 40 दिनों की कड़ाके की ठंड को लोकप्रिय रूप से 'चिल्लई कलां' कहा जाता है। इस अवधि के दौरान सामान्य जीवन धीमी गति से चलता है और मौसम पर निर्भर होता है।
हालांकि, घाटी में बर्फबारी देखने के इरादे से यह अवधि पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। इसके बाद ठंड का एक और दौर आता है, जिसका नाम 'चिल्लई खुर्द' है, जो 20 दिनों तक चलता है। सूची में अंतिम 'चिल्लई बचे' (छोटी सर्दी) अगले 10 दिनों के लिए चलती है।