[Hindi] शीत लहर की चपेट में श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम: महीने के अंत तक कोई राहत नहीं

November 22, 2021 3:59 PM|

कश्मीर घाटी में शीत लहर की स्थिति बनी हुई है और अधिकांश हिस्सों में तापमान शून्य से नीचे है। श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे सभी लोकप्रिय हिल स्टेशन इस महीने के दौरान शून्य से नीचे के तापमान से गुजर रहे हैं। श्रीनगर में आज सुबह न्यूनतम तापमान -1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान है। पिछले 4 दिनों से तापमान -1 डिग्री सेल्सियस और -2 डिग्री सेल्सियस के बीच मँडरा रहा है।

पहलगाम में न्यूनतम तापमान -3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है और गुलमर्ग पहले -3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जो सामान्य से लगभग 2-3 डिग्री सेल्सियस कम है। 2 दिन को छोड़कर इस पूरे महीने गुलमर्ग और पहलगाम शुन्य से नीचे रहे।

ऊंचाई वाले इलाकों में जल्दी बर्फबारी के बावजूद श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम के लोकप्रिय रिसॉर्ट्स में कोई महत्वपूर्ण बारिश और हिमपात नहीं हुआ है। श्रीनगर और गुलमर्ग में क्रमश: 28.3 मिमी और 52.8 मिमी के उनके मासिक सामान्य के मुकाबले 3 मिमी और 14 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

महीने के अंत तक किसी भी ज़्यादा बर्फ़बारी की संभावना नहीं है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण 24 और 29 नवंबर को ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम की थोड़ी सक्रियता हो सकती है। तदनुसार, महीने के अंत तक लगभग बेरोक टोक इस क्षेत्र में शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी।

कश्मीर में सबसे कठोर सर्दी 21 दिसंबर और 31 जनवरी के बीच होती है। इस 40 दिनों की कड़ाके की ठंड को लोकप्रिय रूप से 'चिल्लई कलां' कहा जाता है। इस अवधि के दौरान सामान्य जीवन धीमी गति से चलता है और मौसम पर निर्भर होता है।

हालांकि, घाटी में बर्फबारी देखने के इरादे से यह अवधि पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। इसके बाद ठंड का एक और दौर आता है, जिसका नाम 'चिल्लई खुर्द' है, जो 20 दिनों तक चलता है। सूची में अंतिम 'चिल्लई बचे' (छोटी सर्दी) अगले 10 दिनों के लिए चलती है।

Similar Articles

thumbnail image
पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय, हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी

इस बार मार्च में भी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय बना हुआ है, जिससे पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों दोनों में प्रभाव देखने को मिलेगा। जहां हिमालयी राज्यों में बर्फबारी की कमी दूर होगी, वहीं उत्तर भारत के किसान ओलावृष्टि और बारिश के कारण सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।

posted on:
thumbnail image
[Hindi] सम्पूर्ण भारत का मार्च 12, 2025 का मौसम पूर्वानुमान

अगले 24 घंटे के दौरान सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।सिक्किम और उत्तराखंड में भी हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। तमिलनाडु और पंजाब में हल्की बारिश होने की संभावना है।

posted on:
thumbnail image
रंगों के साथ बरसेंगे बादल, इस बार होली पर कई राज्यों में होगी बारिश

आमतौर पर, इस मौसम में होली के समय गर्मी महसूस की जाती है। लेकिन साल 2025 इसमें अपवाद साबित हो सकता है, क्योंकि इस बार देश के कई शहरों में होली के दौरान बारिश होने की संभावना है। खासकर उत्तरी मैदानी इलाकों में इस समय बारिश बहुत कम होती है, लेकिन इस बार मौसम कुछ अलग रहने वाला है।

posted on:
thumbnail image
धीमी होती हवाएं लाएंगी गर्मी, उत्तर और मध्य भारत में बढ़ेगा तापमान, फसलों पर होगा असर

पश्चिमी विक्षोभ और दबाव परिवर्तन के चलते हवाओं की गति में उतार-चढ़ाव हो रहा है। तेज़ हवाओं के कारण फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन अब जब हवाएं शांत हो रही हैं, तो तापमान बढ़ने लगेगा। होली के दौरान पंजाब और हरियाणा में बारिश की संभावना है, लेकिन तापमान गर्म बना रहेगा। इस बदलते मौसम का असर न सिर्फ कृषि पर बल्कि जल संसाधनों पर भी पड़ेगा।

posted on: