हाल ही में उत्तर भारत से गुजरे पश्चिमी विक्षोभ के चलते मैदानी भागों में अपेक्षा से कम पड़ रही सर्दी में व्यापक बदलाव देखने को मिला है। सामान्य से काफी ऊपर चल रहे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। तापमान में गिरावट के साथ उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में कई जगहों पर शीतलहर का प्रभाव शुरू हुआ साथ ही कुछ हिस्सों में दिन के समय में भी लंबे समय से ग़ायब कड़ाके की ठंड की वापसी हुई। कुछ शहरों में न्यूनतम तापमान घटकर 5 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।
उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सर्दी के हालात इस सप्ताह के अंत तक ऐसे ही बने रहने की संभावना है। सभी राज्यों में अगले 2-3 दिनों के दौरान कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 21 और 22 जनवरी को दिन एवं रात के तापमान में और गिरावट हो सकती जिससे इन भागों में भीषण सर्दी महसूस की जा सकती है।
इस समय मध्य पाकिस्तान और उससे सटे राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते उत्तर के मैदानी राज्यों में वर्षा होने की भी संभावना है। यह मौसमी सिस्टम पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेगा जिससे 19 जनवरी को हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में बारिश दर्ज की जाएगी।
आगामी 48 घंटों के पश्चात यानि 20 जनवरी को यह मौसमी हलचल और पूर्ववर्ती हो जाएगा जिससे उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में उत्तरी सर्द हवाएँ आने के लिए रास्ता साफ हो जाएगा। पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक उत्तरी सर्द हवाओं का प्रवाह बढ़ जाने से इन भागों के तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी।
स्काइमेट का अनुमान है कि 48 घंटों के पश्चात शीतलहर के प्रभाव और दायरे में और व्यापकता देखने को मिलेगी, जिससे उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में लोग कड़ाके की ठंड का अनुभव करेंगे। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाला पड़ने का भी अनुमान है।
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