वर्ष 2020-21 की सर्दी कुछ नए रंग और रूप में नजर आ रही है। कई इलाकों में जबरदस्त बारिश हुई तो कई इलाकों में बारिश से पहले भीषण सर्दी ने लोगों को ठिठुरने को मजबूर कर दिया।
उत्तर भारत के भागों में दिसंबर के शुरुआती 10 दिनों के बाद जिस तरह की सर्दी का प्रकोप शुरू हुआ वह आमतौर पर कम ही देखने को मिलता है। यह भीषण सर्दी न सिर्फ दिसंबर के आखिर तक उत्तर भारत के तमाम मैदानी राज्यों में जारी रही बल्कि नए साल का पहला दिन भी उत्तर भारत के विभिन्न शहरों के लिए नए रिकॉर्ड लेकर आया। 1 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस सीजन का सबसे कम न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह से हिसार और चूरू में भी तापमान जमाव बिंदु तक यानी फ्रीजिंग प्वाइंट तक पहुंच गया था। हिसार में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.2 डिग्री नीचे और चूरू में -0.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। नारनौल में भी तापमान फ्रीज़िंग पॉइंट पर दर्ज किया गया।
सर्दी का यह सिलसिला 3 जनवरी से खत्म होने लगा जब हवाओं का रुख बदला। मौसम में पूरी तरह से बदलाव 3 जनवरी से आया जब एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों की तरह पहुंचा। राजस्थान पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना और अरब सागर से एक ट्रफ़ राजस्थान तक सक्रिय हुई।
इन सभी मौसमी सिस्टमों के कारण राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के सभी क्षेत्रों में हवाओं का रुख बदलकर उत्तर पश्चिमी दिशा की बजाय दक्षिण पश्चिमी या दक्षिण पूर्वी हो गया जिससे न्यूनतम तापमान में व्यापक वृद्धि शुरू हो गई। दिल्ली में 3 जनवरी को तापमान बढ़ते हुए 9.9 डिग्री पहुंच गया और 7 जनवरी आते-आते 14.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
इस बीच एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी राज्यों के करीब पहुंचा है और अगले 24 घंटों के दौरान कश्मीर से लद्दाख की तरफ आगे बढ़ेगा। इसके चलते पहाड़ों पर कुछ इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, के तराई क्षेत्रों, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर पूर्वी राजस्थान में 8 जनवरी को आंशिक बादल छाने और बूंदाबांदी होने की संभावना है। इन सिस्टमों के कारण ही फिर से ठंडी हवाओं में ब्रेक लगी रहेगी। लेकिन यह ब्रेक लंबे समय तक नहीं लगने वाली। 9 जनवरी से यह मौसमी सिस्टम कमजोर हो जाएंगे और फिर उत्तर पश्चिमी सर्द हवाओं का प्रकोप उत्तर भारत के मैदानी शहरों पर दिखाई देने लगेगा।
अनुमान है कि 10 जनवरी से न सिर्फ पर्वतीय राज्यों में बल्कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और यहां तक कि धीरे-धीरे बिहार पर भी सर्द हवाओं का असर दिखेगा और तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी। यह सिलसिला कम से कम 1 सप्ताह के लिए जारी रहेगा क्योंकि इस 1 सप्ताह के दौरान उत्तर भारत के पहाड़ों पर कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आने वाला।
लंबे गैप के चलते ही व्यापक गिरावट न्यूनतम तापमान में देखने को मिलेगी और यह इस सीजन की सर्दी का आखिरी सर्द स्पेल होगा। 10 जनवरी से 20 जनवरी के बीच इन सभी राज्यों में न्यूनतम तापमान फिर से गिरते हुए 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंच सकता है। कई इलाकों में तापमान के 4 डिग्री के करीब पहुंचने पर शीत लहर का प्रकोप शुरू हो जाएगा।
Image credit: The Economic Times
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