[Hindi] उत्तर व मध्य भारत के इलाकों पर शीतलहर का कसता शिकंजा

December 26, 2018 6:46 PM | Skymet Weather Team

उत्तर भारत के राज्यों में शीतलहर की शुरुआत आमतौर पर दिसम्बर के पहले हफ्ते से हो जाती है। इस बार ठंडी हवाओं ने देर से दस्तक दी लेकिन इस सर्दी की धमक ऐसी है कि उन इलाकों में भी लोग ठंड से काँप रहे हैं जहां सर्दी कम पड़ती है। इस स्थिति पर देर आयद दुरुस्त आयद वाली कहावत सटीक बैठती है।

पंजाब से लेकर उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में 15 दिसम्बर के बाद से तापमान में तेज़ गिरावट हुई जिससे मध्य दिसम्बर से ही इन इलाकों में कई जगहों पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा क्योंकि उत्तर भारत के राज्यों में फिर से ठंडी हवाएँ तेज़ हो गई हैं। इससे तापमान में गिरावट जारी है। बुधवार को मैदानी राज्यों में हिसार सबसे ठंडा स्थान रहा। यहाँ तापमान शून्य से भी 1 डिग्री नीचे (-1.0˚C) चला गया जो कि सामान्य से 8 डिग्री कम है। इसी तरह अमृतसर में 1˚C, मुजफ्फरनगर में 1˚C, लुधियाना में 2.4˚C, आगरा में 2.7˚C तापमान रिकॉर्ड किया गया।

इस समय हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी हो गई है। यह ठंडी और शुष्क हवाएँ अगले 3-4 दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में चलती रहेंगी जिससे पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राजधानी दिल्ली में तापमान और गिरेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इन भागों में कई जगहों पर दिसम्बर के आखिर तक रात में तापमान सामान्य से 3 से 7 डिग्री सेल्सियस तक नीचे बने रहेंगे। हिसार, चुरू, मुजफ्फरनगर सहित कुछ इलाकों में पारा शून्य से भी नीचे जा सकता है। जिससे सर्दी का सितम और बढ़ सकता है।

दूसरी ओर इस बार सर्दी के देर से आगमन पर मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए कम प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ मुख्य रूप से ज़िम्मेदार हैं। आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ नवंबर से ही उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों के करीब से गुज़रने लगते हैं जिससे पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होती है और मैदानी इलाकों में बारिश के भी कुछ दौर देखने को मिलते हैं।

इसके बाद उत्तर-पश्चिमी दिशा से हवाएँ पहाड़ों की बर्फबारी की ठंडक लिए मैदानी इलाकों में आती हैं। मौसम में इस बदलाव से ही सर्दी अपने रंग में आती है। लेकिन इस बार नवंबर में दो बार और दिसम्बर में दो बार ही पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी देखने को मिली जबकि मैदानों में बारिश बेहद कम हुई। यही कारण है कि सर्दी के आगमन में देरी हुई। अगले कुछ दिनों के दौरान बारिश या बर्फबारी तो अपेक्षित नहीं है लेकिन सर्दी जमकर पड़ेगी।

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