गंगा के मैदानी इलाकों में स्थित सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में शीतलहर का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। बिहार के भी कुछ जिलों में शीतलहर चल रही है। इन दोनों राज्यों में कड़ाके की ठंड का आगमन देर से हुआ है। प्रायः नवंबर से ही उत्तर प्रदेश और बिहार में सर्दी शुरू हो जाती है लेकिन इस बार दिसम्बर के मध्य तक दिन और रात के तापमान सामान्य से ऊपर बने रहे जिससे अपेक्षित सर्दी ग़ायब रही।
हालांकि स्थितियाँ पिछले कुछ दिनों से बदली हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद से ठंडी उत्तर-पश्चिम हवाएं उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकांश इलाकों में चलने लगी हैं। इसके चलते दोनों राज्यों में तापमान गिरे हैं और अच्छी सर्दी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर में पारा शून्य से भी नीचे पहुँच गया है। उत्तर प्रदेश में आज सबसे ठंडे स्थानों के तापमान टेबल में देख सकते हैं।
उत्तर प्रदेश और बिहार में 2018 में सर्दी देर से आई लेकिन जमकर आई है। लेकिन इस बार सर्दी के मौसम में बारिश ना होने से हवा में नमी कम है जिससे घना कोहरा अब तक नहीं बन रहा है। बारिश में कमी को भी सर्दी में विलंब का कारण माना जा रहा है।
सर्दी के मौसम में नवंबर-दिसम्बर-जनवरी वह महीने हैं जब गंगा के मैदानी इलाकों में कोहरा देखने को मिलता है। दिसम्बर के दूसरे पखवाड़े से जनवरी के शुरुआती दो-तीन हफ्तों के दौरान कोहरा घना होता है जिससे कई इलाकों में यह आपदा बन जाता है। रेल, सड़क और हवाई यातायात प्रभावित होता है। कोहरा सड़कों पर बड़ी दुर्घटनाओं का कारण भी बनता है और फसलों को भी नुकसान पहुंचाता है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ अगले कुछ दिनों तक गंगा के मैदानी राज्यों में जारी रहेंगी। जिससे उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ और क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में शीतलहर शुरू हो सकती है। लेकिन घने कोहरे की उम्मीद अभी भी नहीं है। नया साल 2019 कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच शुरू होगा।
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