उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते हवाएँ ठंडी हो गई हैं और मैदानी राज्यों में पारा तेज़ी से गिरा है। इस बीच जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 19 नवंबर तक अच्छी बर्फबारी देने वाला पश्चिमी विक्षोभ अब आगे निकल गया है। सिस्टम के आगे बढ़ते ही बर्फ से ढँकी पहाड़ी चोटियों से आने वाली ठंडी हवाओं ने उत्तर भारत में कंपाने वाली ठंडक का एहसास करा दिया है। उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ प्रभावी हो गई हैं।
हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में शीतलहर जैसे हालत बन गए हैं। इन भागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 5-6 डिग्री नीचे चला गया है। नवंबर के तीसरे सप्ताह में आमतौर पर शीतलहर जैसे हालात नहीं होते हैं। तापमान में भारी गिरावट दिसंबर के पहले सप्ताह से शुरू होती है। लेकिन पिछले 48 घंटों से 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघण्टे की गति चल रही हवाओं के चलते अचानक पारा गिरा है।
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ठंडी हवाएँ पंजाब, हरियाणा होते हुए राजस्थान और गुजरात तक पहुँच रही हैं। इन सभी भागों में सर्द हवाएँ अगले 48 घंटों तक इसी तरह बनी रहेंगी जिसके चलते तापमान में और गिरावट होने की संभावना है। फिलहाल राजस्थान के अलवर और सीकर तथा गुजरात के नलिया में पारा सामान्य से 6 डिग्री नीचे पहुँच गया है। हिसार, चुरू और जैसलमर में सामान्य से 5 डिग्री नीचे जबकि नारनौल और बाड़मेर में 4 डिग्री नीचे तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है।
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इन सभी भागों में अगले 2-3 दिनों तक कड़ाके की ठंड इसी तरह परेशान करेगी, उसके बाद तापमान बढ़ेगा। इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत पहुँच रहा है। इसके प्रभाव से 25 नवंबर से हवाओं के रुख में बदलाव होगा और उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाओं की जगह दक्षिण-पूर्वी और दक्षिणी-पश्चिमी चलेंगी। यह हवाएँ अपेक्षाकृत गर्म होंगी जिससे तापमान में गिरावट का क्रम ना सिर्फ रुकेगा बल्कि इसमें 1-2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि भी देखने को मिलेगी।
Image credit: IndiaTV
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