[Hindi] चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर, आगरा सहित उत्तर भारत के शहरों में शीतलहर से जल्द राहत

January 29, 2019 1:28 PM | Skymet Weather Team

उत्तर भारत के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से शीतलहर चल रही है। मैदानी भागों में कुछ स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री से भी ज्यादा नीचे चला गया है। इससे कहीं-कहीं पर भीषण शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के कुछ शहरों में पारा शून्य से भी नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है, जिसके कारण शीतलहर से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

मंगलवार की सुबह राजस्थान के चुरू में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.1 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड पहुँच गया। जबकि दिल्ली में दिन और रात का तापमान सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे बना रहा। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों से आ रही ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण मैदानी इलाकों में तापमान में यह भारी गिरावट हुई है और भीषण सर्दी पड़ रही है। अब शीतलहर से राहत तभी मिल सकती है जब ठंडी हवाओं का रुख बदले और हवाओं की रफ्तार कम हो।

हवाओं के रुख में बदलाव कब आएगा और कैसे मिलेगी राहत

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड से सुकून तभी मिल सकता है जब कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पर्वतीय राज्यों के पास पहुंचे। पश्चिमी विक्षोभ के आने पर ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं की रफ्तार में ब्रेक लगेगी और हवा की दिशा तथा हवा की रफ्तार दोनों बदलेंगी जिससे पारा ऊपर चढ़ेगा और सर्दी में कमी आएगी।

मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि उत्तर भारत के लोगों को कल से कुछ राहत मिल सकती है क्योंकि पहाड़ों के पास एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। यह 30 जनवरी को जम्मू कश्मीर के पास पहुँच जाएगा। इससे ठंडी हवाएँ कमजोर हो जाएंगी। इस सिस्टम से जम्मू, कठुआ, होशियारपुर सहित अनेक उतरी शहरों में बारिश भी होगी। जबकि राजधानी दिल्ली सहित मैदानी भागों में बादल दिखेंगे लेकिन बारिश कुछ ही क्षेत्रों में होने के आसार हैं।

इस मौसमी परिदृश्य के बीच अनुमान है कि 30 और 31 जनवरी से चंडीगढ़, आगरा, जयपुर सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान के शहरों में रात के तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होगी। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक बढ़ जाएगा और कुछ स्थानों पर यह 2 अंकों में यानी 10 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर पहुंच जाएगा।

Image credit: Trekearth

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