[Hindi] उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप गहराया, चूरू में रिकॉर्ड तोड़ तापमान में गिरावट, शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंचा पारा

December 31, 2020 8:00 AM|

उत्तर भारत के शहरों में इस समय सीजन की सबसे भीषण सर्दी पड़ रही है। चूरू में 30 दिसंबर को न्यूनतम तापमान एक नया रिकॉर्ड कायम करते हुए -1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले चूरू में न्यूनतम तापमान 0 से नीचे पहुंचा था लेकिन इतनी भारी गिरावट नहीं हुई थी। यह दूसरा मौका है जब चूरू में लगातार दो दिन तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया है। इससे पहले 18 और 19 दिसंबर को चूरू में रात का तापमान -0.3 डिग्री और -0.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अगर 31 दिसंबर को भी न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे रहता है तो इस साल के दिसंबर महीने में 5 दिन ऐसे होंगे जब चुरू में पारा जमाव बिंदु से नीचे दर्ज किया गया होगा। बीते वर्ष सिर्फ एक ऐसा मौका दिसंबर में आया था जब न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंचा था और वह दिन था 27 दिसंबर, 2019 का।

उत्तर भारत के पहाड़ों से होकर आने वाली बर्फीली हवाओं के कारण शीतलहर का प्रकोप उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बढ़ता जा रहा है और कड़ाके की सर्दी का कई शहरों में नया रिकॉर्ड कायम हो रहा है। भीषण सर्दी के चलते कुछ इलाकों में घने कोहरे और पाला पड़ने के कारण धरती की सतह तक सूरज की पर्याप्त रोशनी नहीं पहुँच पा रही है जिसकी वजह से तापमान में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है।

चूरू में न्यूनतम तापमान ही नहीं अधिकतम तापमान भी सामान्य से 4 डिग्री कम 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान -1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो कि बीते 15 वर्षों का सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड है। इससे पहले 25 दिसंबर, 2011 को न्यूनतम तापमान में इतनी भारी गिरावट दर्ज की गई थी और यह -1.4 रिकॉर्ड किया गया था। चुरू में इतिहास में दर्ज सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड 28 दिसंबर, 1973 के नाम दर्ज है जब पारा -4.6 तक पहुंच गया था।

आगामी 48 घंटों तक इसी तरह की कड़ाके की सर्दी चुरू समेत उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में जारी रहेगी। उसके बाद मौसमी स्थितियों में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। अनुमान है कि 2 जनवरी को एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों पर पहुंचेगा और इसके चलते मैदानी इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय होगा। इन दोनों सिस्टमों के कारण उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक हवाओं के रुख में बदलाव होगा जिससे गिरते तापमान में ब्रेक लगेगी। साथ ही मैदानी इलाकों में भी बारिश की गतिविधियां दर्ज की जाएंगी।

Image credit:The Financial Express

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार:skymetweather.comअवश्य लिखें।

Similar Articles

thumbnail image
आज सूर्य करेगा भूमध्य रेखा पार, बसंत ऋतु की शुरुआत, दिन-रात की अवधि लगभग बराबर

आज, 20 मार्च 2025, बसंत विषुव (Spring Equinox 2025) का दिन है। सूर्य भूमध्य रेखा को पार करेगा, दिन बड़े और गर्म होंगे। उत्तर गोलार्ध में बसंत ऋतु की शुरुआत होगी, दक्षिण गोलार्ध में शरद ऋतु का आगमन होगा। वहीं, सितंबर में यह खगोलीय घटना फिर से होगी।

posted on:
thumbnail image
गर्मी का दायरा बढ़ा! ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और रायलसीमा में 40°C के पार तापमान, राहत की उम्मीद

देश में समय से पहले गर्मी असर बढ़ रहा है। ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में अभी तापमान से 40°C से ऊपर पहुंच गया है, जिस कारण इन राज्यों में भीषण गर्मी हो रही है। फरवरी 2025, पिछले 125 वर्षों में सबसे गर्म महीना रहा है। कई जगहों पर सामान्य से 6.4°C तक ज्यादा तापमान रिकॉर्ड हुआ है।

posted on:
thumbnail image
दिल्ली में बढ़ेगी गर्मी! शुष्क और तपता रहेगा वीकेंड, बारिश की संभावना हुई कम

दिल्ली में गर्मी बढ़ रही है, पिछले 3 दिनों में तापमान 4°C बढ़ा है। आज अधिकतम 34-35°C, न्यूनतम 17°C तक रह सकता है। मार्च अब तक लगभग शुष्क बना हुआ है, सिर्फ 2mm बारिश दर्ज हुई है। 26-28 मार्च को तापमान 40°C के करीब पहुंचने की संभावना है। वहीं,पश्चिमी विक्षोभ से मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना नहीं है।

posted on:
thumbnail image
[Hindi] सम्पूर्ण भारत का मार्च 21, 2025 का मौसम पूर्वानुमान

अगले 24 घंटे के दौरान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और उत्तर छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बिजली चमकने तथा तेज हवाओं की संभावना है।

posted on: