नए साल 2021 का शुरुआती समय यानि जनवरी का पहला सप्ताह देश के कई हिस्सों के लिए सक्रिय मौसम लेकर आया था, जिसकी संभावना स्काइमेट ने अपने पूर्वानुमानों में जताया भी था। दिल्ली में जनवरी महीने में आमतौर पर 19.3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की जाती है जबकि इस साल की जनवरी के पहले हफ्ते में ही 57 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2000 के बाद जनवरी में अधिक बारिश का रिकॉर्ड है। तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बहुत भारी बारिश हुई। चेन्नई में बारिश का आंकड़ा जनवरी में सर्वाधिक बारिश के रिकॉर्ड के करीब पहुंच गया। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी बेमौसम बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं।
पिछले सप्ताह के मुक़ाबले इस सप्ताह देश के कम ही क्षेत्रों पर बारिश देखने को मिलेगी। उत्तर भारत और मध्य तथा पूर्वी भारत सर्दी से परेशान होंगे। पूर्वोत्तर राज्यों में हल्की तो दक्षिण में कुछ स्थानों पर वर्षा के आसार हैं।
वर्तमान खरीफ सत्र में 6 जनवरी, 2021 तक केंद्र सरकार ने किसानों से रिकॉर्ड 521.48 लाख मीट्रिक टन की धान की खरीद की है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 27.13% अधिक है। उच्च खरीद ऐसे समय में हुई है जब सरकार दो चुनौतियों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध और कोविड-19 महामारी का सामना कर रही है। सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए ग्रीष्मकालीन धान की कुल 74.2 मिलियन टन की संभावना है, जो पिछले वर्ष की कुल धान खरीद 62.7 मिलियन टन की तुलना में 18% अधिक है।
इस वर्ष अब तक खरीदे गए कुल धान में पंजाब की हिस्सेदारी 38.88% है। यह खरीद इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि राज्य के लिए दक्षिण-पश्चिम मॉनसून कमजोर रहा था और चार महीनों के मॉनसून सीजन में पंजाब में 16% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। विशेष रूप से मॉनसून के अंतिम दो महीनों अगस्त और सितंबर में कम बारिश के चलते सूखे जैसे हालात पैदा हो गए थे। पंजाब में अगस्त महीने में सामान्य से 16% कम और सितंबर में सामान्य से 73% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।
सरकार पिछले साल के 30,709 खरीद केंद्रों की तुलना में 27% अधिक 39,122 खरीद केन्द्रों के मध्यम से खरीद कर रही है इसलिए खरीद में तेज़ी आई है। सरकार की खाद्य खरीदने वाली एजेंसियों ने भी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, असम और आंध्र प्रदेश में बड़े अभियान शुरू किए हैं। सरकार ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के किसानों से मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन जैसी अन्य फसलों की खरीद का भी काम शुरू कर दिया है। ग्रीष्मकालीन फसलों का उत्पादन 2019-20 के 143.4 मिलियन टन बम्पर उत्पादन के मुकाबले 144.5 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
14 जनवरी, मकर संक्रांति से सूरज उत्तरयाण होने लगेगा। सूर्य की स्थिति में बदलाव से दिन अब धीरे-धीरे बड़ा होने लगेगा जबकि रातें धीरे-धीरे छोटी होती जाएंगी।
उत्तर भारत
इस सप्ताह उत्तर भारत की तरफ कोई सक्रिय मौसमी सिस्टम नहीं आएगा जिससे पर्वतीय राज्यों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश लगभग शून्य होगी। हालांकि, बर्फ से ढके पहाड़ों से होकर आने वाली बर्फीली हवाएं समूचे उत्तर-पश्चिम भारत पर अपना प्रभुत्व जमाये रखेंगी और लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा। कुछ इलाकों पर शीतलहर का प्रकोप भी रहेगा। इसके अलावा, देर रात और सुबह के समय घने कोहरे से रेल, सड़क और हवाई यातायात बाधित हो सकता है। अमृतसर, जालंधर, कपूरथला, फिरोजपुर, भटिंडा, नारनौल, हिसार, करनाल, पिलानी, चूरू, साधक और दिल्ली जैसे कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत
समूचे पूर्वी भारत में मौसम साफ और शुष्क रहने के आसार हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में भी अधिकांश स्थानों पर मौसम साफ बना रहेगा। हालांकि अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी भागों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आएगी। इन भागों में शीतलहर चलने की भी संभावना है। गुवाहाटी, रंगिया तेजपुर, जोरहाट और मोहनबाड़ी जैसे शहरों में विशेष रूप से ब्रह्मपुत्र के दोनों ओर बसे शहरों पर घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं।
मध्य भारत
मध्य भारत के राज्यों में पिछले सप्ताह के विपरीत, इस सप्ताह के दौरान कोई भी अनिश्चित मौसमी गतिविधि अपेक्षित नहीं है। 12-13 जनवरी से मध्य भारत के राज्यों में भी न्यूनतम तापमान में गिरावट का क्रम शुरू होगा। इन भागों में पिछले सप्ताह अधिकांश स्थानों पर दिन और रात के तापमान अधिकांश समय सामान्य से ऊपर दर्ज किए गए थे।
दक्षिण प्रायद्वीप
दक्षिण भारत के राज्यों पर भी बारिश की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है। हालांकि सप्ताह के शुरुआती दो दिनों के दौरान तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक और दक्षिणी कोंकण में हल्की से मध्यम बारिश होगी और बाद में बंद हो जाएगी। जबकि तमिलनाडु और केरल में 15-16 जनवरी तक बारिश बने रहने की संभावना है।
दिल्ली एनसीआर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर से शीतलहर की गिरफ्त में आ गई है। इस सप्ताह कुछ हिस्सों में सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा छा सकता है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट के साथ शीतलहर की वापसी हुई है। इस सप्ताह न्यूनतम तापमान फिर से गिरते हुए 5 डिग्री से नीचे आ जाएगा। हालांकि सप्ताह के आखिरी में भीषण सर्दी से कुछ राहत मिल सकती है।
चेन्नई
पिछले सप्ताह दक्षिण भारत के कई शहरों में व्यापक वर्षा हुई। चेन्नई भी उन्हीं अधिक वर्षा वाले शहरों में शुमार रहा। चेन्नई के मीनांबक्कम में 5 जनवरी को 100 मिमी भारी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इस सप्ताह आमतौर पर मौसम शुष्क रहने की संभावना है। शुरुआती दो दिनों में हल्की बारिश की उम्मीद की जा सकती है। 2021 की जनवरी, इस महीने में सर्वाधिक वर्षा के रिकॉर्ड की बराबरी करने की ओर अग्रसर है। चेन्नई में जनवरी महीने में अब तक 229.2 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जो लगभग 106 साल पहले 1915 के जनवरी में हुई सबसे अधिक बारिश के रिकॉर्ड 244.1 मिमी से कुछ ही दूर है। जनवरी के बाकी बचे दिनों में संभावना है की बाकी बची 15 मिमी की बारिश हो जाएगी और इस साल एक नया रिकॉर्ड बन जाएगा।
दिल्ली प्रदूषण।
राजधानी दिल्ली और एनसीआर में पिछले सप्ताह प्रदूषण कुछ बढ़ा था क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में बना हुआ था और दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ चल रही थीं। लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत से ही शुष्क और ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं का प्रभाव बढ़ा है जिससे प्रदूषण में कमी आ गई है और वायु गुणवत्ता बेहतर हो गई है। अगले 3 से 4 दिनों के लिए हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली के प्रदूषण में कमी बनी रहेगी क्योंकि उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाएँ चलती रहेंगी।
Image credit: DNA India
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