पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश सहित उत्तर-पश्चिम भारत के कई भागों में पिछले कई दिनों से शीतलहर जैसे हालत बने हुए हैं। इन भागों में कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया जा रहा था। जिससे सर्दी का प्रभाव लगातार बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह का तापमान शनिवार को 6.8 डिग्री रहा जो कि सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस कम है। रविवार को दिल्ली में सुबह पारा गिरकर सामान्य से 3 डिग्री कम 5 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया।
उत्तर और उत्तर-पश्चिम से आ रही सर्द तथा शुष्क हवाओं के चलते इन भागों के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही थी। दिल्ली सहित उत्तर भारत के अधिकांश मैदानी भागों में अगले 24 घंटों तक मौसम कुछ इसी तरह बना रहेगा। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर सुबह के तापमान में और गिरावट होने की संभावना है।
स्काइमेट के अनुसार तापमान में और गिरावट तथा साफ आसमान के चलते उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी भागों, खासतौर पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में एक-दो स्थानों पर पाला पड़ने की संभावना बन रही है। इस समय पाला अगर पड़ता है तो कई रबी फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें आलू सबसे प्रमुख फसल है जिसे नुकसान पहुँचने की संभावना सबसे अधिक रहती है। इसके अलावा गेहूं, सरसों, चना, मटर तथा कई अन्य फसलें भी पाला के लिहाज से संवेदनशील होती हैं। पाला से फसलों को बचाने के लिए सबसे बेहतर और कारगर उपाय है फसलों में पहले से ही सिंचाई देना। खेतों में पानी बने रहने पर पाला फसलों पर असर नहीं डाल पता।
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