बीते 24 से 36 घंटों में उत्तर पश्चिम भारत के भागों में सर्दी का प्रभाव बढ़ गया है। विशेषकर, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान में भारी गिरावट हुई जिससे इन भागों में लोगों को अचानक सर्दी बढ़ने का एहसास हुआ। उत्तर भारत के कुछ भागों में पारा 7 से 8 डिग्री तक नीचे चला गया है।
उत्तर भारत के भागों में तापमान में आई यह गिरावट जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 11 से 13 दिसम्बर के बीच हुई भारी बर्फबारी के चलते आई है। उत्तर भारत में आए एक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पर्वतीय राज्यों में बारिश और बर्फबारी की गतिविधियों के चलते मौसम में अचानक यह तब्दीली देखने को मिल रही है।
पश्चिमी विक्षोभ अब उत्तर भारत से पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे निकल गया है, जिससे पर्वतीय राज्यों में भी आसमान साफ हो गया और बर्फ से ढँकी चोटियों से सर्द हवाएँ नीचे उत्तरी मध्य प्रदेश तक पहुँचने लगी हैं। सर्द हवाओं के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में एक-दो स्थानों पर शीतलहर की शुरुआत हो गई है।
राजस्थान के नरनौल में पारा गिरते हुए सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया है। सर्दी का प्रभाव चुरू में सबसे अधिक रहा, जहां तापमान घटकर सामान्य से 7 डिग्री नीचे 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अमृतसर में भी पारा सामान्य से नीचे 3.2 डिग्री, गंगानगर में 3.9 डिग्री और कानपुर में 3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। उत्तर भारत के कुछ भागों में तापमान में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
राजस्थान और हरियाणा के कुछ भागों में अगले 2 से 3 दिनों के दौरान पाला पड़ने की भी संभावना है। गंगा के मैदानी वाले भागों में तमाम रबी फसलें खासतौर पर गेहूं अभी जिस अवस्था में है उसमें पाला काफी नुकसान पहुंचा सकता है। तापमान 4 डिग्री से नीचे चले जाने पर पाला पड़ने की संभावना बनी रहती है।
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