उत्तर भारत के मैदानी भागों में बीते 3 दिनों से तापमान में तेज़ी से बढ़ोत्तरी के चलते मौसम आश्चर्यजनक रूप से गर्म हो गया था। दिन और रात के तापमान सामान्य से ऊपर चले गए गए थे। दिल्ली में न्यूनतम तापमान ने 10 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा और यह सामान्य से 9 डिग्री अधिक 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। अधिकतम तापमान भी तेज़ी से बढ़ते हुए 30 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुँच गया था।
मौसम में अचानक यह बदलाव उत्तर में एक के बाद एक आए दो पश्चिमी विक्षोभों और मैदानी भागों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बने चक्रवाती हवा के क्षेत्र विकसित होने के कारण देखने को मिले। चक्रवाती हवा के क्षेत्र के चलते अरब सागर से दक्षिण पश्चिमी हवाओं का प्रवाह मैदानी भागों में बढ़ गया था। गर्म दक्षिण पश्चिमी और दक्षिण पूर्वी हवाओं के कारण उमस और तापमान में यह अप्रत्याशित वृद्धि हुई।
इस बीच उत्तर भारत के तीनों पर्वतीय राज्यों में व्यापक तौर पर बर्फबारी करने वाला पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल गया है। हाल फिलहाल में उत्तर भारत को कोई पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करने वाला नहीं है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि 27 फ़रवरी को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब आ सकता है। हालांकि इसके प्रभावकारी होने के आसार कम हैं।
इस समय किसी मौसमी हलचल के ना होने के चलते ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रवाह उत्तर-पश्चिम भारत में बढ़ जाने के आसार हैं। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में दिन के तापमान में हल्की कमी हो सकती है। आसमान भी साफ रहने के आसार हैं।
ठंडी हवाओं के प्रभाव से दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में रात के तापमान में व्यापक कमी दर्ज की जाएगी। पारा गिरने से एक बार फिर रात में अच्छी ठंडक महसूस होगी। हालांकि कड़ाके की ठंड की उम्मीद कम है। तापमान में गिरावट और हाल की बारिश के चलते वातावरण में पहले से मौजूद नमी से उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में कहीं कहीं कोहरा छाने की संभावना है। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम जबकि कहीं कहीं घना कोहरा छा सकता है।
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