उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में लंबे समय से बने शुष्क मौसम में बदलाव आ गया है। पिछले 24 घंटों से उत्तराखंड में बारिश हो रही है। बारिश की गतिविधियां अगले 2-3 दिनों तक जारी रहने की संभावना है। लेकिन बारिश का यह दौर राज्य के लोगों के लिए प्रसन्नता कम चुनौती अधिक बनने वाला है। अगले 48 घंटों के दौरान उत्तराखंड और उससे सटे पूर्वी हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी वर्षा होगी। इस दौरान कहीं-कहीं बादल फटने, भूस्खलन होने और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है।
इस समय उत्तर प्रदेश के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों पर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तराखंड की ओर बढ़ेगा। इसके अलावा एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर पर है। यह सिस्टम क्रमशः पूर्वी दिशा में जाएगा और कल तक हिमाचल प्रदेश के पास सक्रिय रहेगा। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से उत्तराखंड के कई इलाकों में 23 और 24 सितंबर को भीषण मॉनसून वर्षा होने की संभावना है। आज भी भारी वर्षा हो सकती है।
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उत्तराखंड और इससे सटे पूर्वी हिमाचल प्रदेश में इस दौरान कुछ स्थानों पर बदल फटने का खतरा है। इसके चलते अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन होने का खतरा है। नैनीताल, मसूरी, देहारादून, ऋषिकेश, चमोली, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, केदारनाथ, बद्रीनाथ, कौसानी, अल्मोड़ा और गोपेश्वर के अलावा हिमाचल प्रदेश के शिमला, संगला और कालपा सहित आसपास के भागों में प्रशासन और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। देश भर में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इन भागों में अगर आप अभी भी पर्यटन के उद्देश्य से हैं तो शीघ्र इन भागों से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचने के लिए निकलना बेहतर होगा। हिमाचल प्रदेश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में भूस्खलन, बाढ़ या भारी बारिश की आशंका नहीं है। इस समय नवरात्रि का पर्व समूचे देश में मनाया जा रहा है। ऐसे में पश्चिमी हिमाचल प्रदेश में स्थित कांगड़ा देवी, ज्वाला देवी, चिंतपूर्णी और चामुंडा देवी के मंदिर पहुँचने वाले श्र्द्धालुओं को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
Image credit: Rediff.com
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