जलवायु परिवर्तन का असर विश्व भर में देखने को मिल रहा है। जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर के देशों में ना सिर्फ पर्यावरण प्रभावित हो रहा है बल्कि आम जीवन में दिन चर्या भी इसकी चपेट में आ रही है।
हाल ही में कुछ अध्ययन सामने आए हैं जिनसे पता चला है कि जलवायु परिवर्तन से अब खेल गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं। खेल दुनिया भर में ना सिर्फ रोमांच के बड़े माध्यम हैं बल्कि खेलों और व्यायाम के जरिये लोगों को स्वस्थ रहने में भी मदद मिलती है। लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न चुनौतियों के कारण जल्द ही खेलों के तौर तरीके बदलने को दुनिया में लोग मजबूर होंगे। यही नहीं दुनिया के कुछ चुने भौगोलोक क्षेत्रों में कुछ खेलों को बंद भी करना पड़ सकता है।
आज के दौर में अगर देखे तो, दुनिया भर में हर साल लगभग चार सौ मौसमी घटनाएं होती हैं। जिसका असर विश्व भर के खेलों से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं यानि खेल के मैदानों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। मौसमी से जुड़ी हलचलों की चपेट में आकर कई जगहों पर पिच और स्टेडियम भी खराब हो चुके हैं।
अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शोध के अनुसार, बढ़ते चक्रवाती तूफान और बारिश की घटनाओं के कारण हरे घास वाले बड़े खेल के मैदान कम होते जा रहे हैं। खासकर गोल्फ़ और क्रिकेट जैसे खेलों के लिए घास के बड़े मैदानों की ज़रूरत होती है।
Also Read In English : Climate change: A threat for sports industry
अगर टेनिस की बात करें तो, इस खेल में पहले से चले आ रहे नियमों को बदल दिया गया है। जिसका मुख्य कारण है मौसम की चाल में बदलाव। हाल ही में, यूएस ओपन टेनिस चैम्पियनशिप 2019 में, पुरुष खिलाड़ियों को पहली बार मैच के दौरान छोटे ब्रेक लेने की अनुमति दी गई थी। जो पहली बार देखा गया था।
इसी तरह, ऑस्ट्रेलियन ओपन 2019 के समय भी जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए, एक नई 'हीट पॉलिसी' के तहत तापमान को मापने के लिए 'हीट स्ट्रेस स्केल' के बदले पारंपरिक 'वेट बल्ब इंडेक्स' लगाया गया था। इसके साथ ही यह फैसला किया गया कि अगरहीट स्ट्रेस स्केल' का पैमाना अपने अधिकतम पांच अंकों के निशान तक पहुंचजाता है तो बाहर खेले जाने वाले सभी मैच निलंबित कर दिए जाएंगे। यह फैसला खिलाड़ियों की भलाई को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
अगर वैश्विक स्तर पर देखें तो 70% ऐसे तटीय शहर, जो आर्थिक और खेल गतिविधियों के केंद्र हैं, अब ज्वार लहरों और समुद्र के बढ़ते जल स्तर के कारण ख़तरे में हैं। ऐसे शहरों के सभी बुनियादी ढांचे के बह जाने का एक बड़ा खतरा है। ज़ाहिर असर सभी तरह के खेलों पर भी पड़ेगा। विशेष रूप से पानी में होने वाले खेल शामिल हैं।
हममें से प्रत्येक के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जलवायु परिवर्तन के कारणों को समझें और कार्बन उत्सर्जन को कम करें।
Image Credit: Financial Times
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।