उत्तर भारत के पहाड़ों पर मौसम का मिजाज़ बदल रहा है। इससे पहले पहाड़ों पर छोटे अंतराल के बाद मौसम निरंतर सक्रिय बना रहा। जनवरी में व्यापक रूप में जम्मू कश्मीर में बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। फरवरी में भी मौसम का रुख कुछ इसी तरह का बना रहा जिसके चलते राज्य की पर्वतीय चोटियाँ अभी भी सफ़ेद चादर से ढँकी हैं। बीते 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के पहाड़ी भागों में हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लोगों को बारिश और हिमपात प्रायः प्रभावित करते रहे हैं। मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान काजीगुंड में 5 मिलीमीटर वर्षा और बर्फबारी हुई। बनिहाल में 7, श्रीनगर में 3, गुलमर्ग में 10, बटोटे में 3.8, भद्रवा में 15.2, कुपवाड़ा में 5.6, पहलगाम में 3.6, बिलासपुर में 6, चंबा में 5, धर्मशाला में 12, मनाली में 13.6, सुंदरनगर में 21.1, नैनीताल में 14.5 और टिहरी में 4.1 मिलीमीटर बर्फबारी और बारिश रिकॉर्ड की गई।
गौरतलब है कि उत्तर भारत के पर्वतीय भागों में सर्दियों में बारिश मुख्यतः पश्चिमी विक्षोभ के चलते होती है। कैस्पियन सागर से उठने वाली हवाएँ अफगानिस्तान और पाकिस्तान को पार करते हुए भारत के उत्तर से गुजरती हैं और पश्चिमी हिमालयी भागों के मौसम को व्यापक रूप में प्रभावित करती हैं। हालांकि बीते 2 वर्षों से पश्चिमी विक्षोभों के समय में बदलाव देखने को मिल रहा है। इस वर्ष नवंबर और दिसम्बर में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहा। शिमला में इस सीजन की पहली बर्फबारी 25 दिसम्बर को देखने को मिली।
जनवरी महीने में जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में व्यापक बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। फरवरी में भी इन राज्यों में अब तक मौसम लगातार सक्रिय रहा। अब मौसमी परिदृश्य में बदलाव हो रहा है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इन भागों में बारिश और हिमपात की गतिविधियों में कमी आएगी। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अगले 24 घंटों तक पूर्वी जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हल्की वर्षा और बर्फबारी एक-दो स्थानों पर देखने को मिल सकती है। अगले 24 घंटों के बाद उत्तर भारत में मौसम साफ और शुष्क हो जाएगा।
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