Updated on March 10, 2016 12:00 PM (IST): समूचे भारत में बारिश का लंबा दौर शुरू होने की संभावना
स्काइमेट के अनुमानों के अनुसार भारत के अधिकांश हिस्सों में जल्द ही अच्छी बारिश शुरू होने की संभावना है। बारिश की शुरुआत 11 मार्च को उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों के साथ-साथ, पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों और पश्चिमी राजस्थान से होगी। दिल्ली और आसपास के शहरों तथा उत्तरी मध्य प्रदेश में भी हल्की वर्षा होने की संभावना है।
धीरे-धीरे 12 मार्च से बारिश बढ़ जाएगी तथा और अधिक भागों में अच्छी गतिविधियां देखने को मिलेंगी। 12 से 14 मार्च के दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा में भी एक-दो बार भारी बारिश हो सकती है।
उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। उत्तर भारत के मैदानी भागों में 14 मार्च के बाद बारिश कम होगी जबकि मध्य और पूर्वी भारत के कई भागों जैसे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में वर्षा जारी रहेगी। पर्वतीय राज्यों में कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी।
15 एवं 16 मार्च को मौसम धीरे-धीरे साफ होगा और थोड़े से अंतराल के पश्चात 16 मार्च की रात से फिर से एक नया बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ के पीछे पश्चिम से एक नया मौसमी सिस्टम आएगा और 16 मार्च की रात से उत्तर भारत के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी देगा जबकि 17 मार्च से मैदानी राज्यों में इसके प्रभाव से कुछ स्थानों पर हल्की मध्यम वर्षा दर्ज किए जाने की संभावना है।
Updated on March 08, 2016 12:50 PM (IST): भारत में बदलता दिख रहा मौसम का मिजाज़
समस्त भारत में बारिश और ओलावृष्टि का एक लंबा दौर शुरू होने वाला है। इसकी शुरुआत उत्तर और पश्चिम भारत से होगी और धीरे-धीरे पूर्वी, मध्य और दक्षिणी राज्यों में भी गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
लेकिन क्या यह भारत में मौसम के रूझान में बदलाव का संकेत है?
सर्दियों में होने वाली बारिश फरवरी में सम्पन्न हो जाती है लेकिन कभी-कभी बारिश का दौर मार्च में भी जारी रहता है। दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के भागों में आमतौर पर मार्च में प्री-मॉनसून यानि मॉनसून पूर्व की बारिश शुरू होती है।
सर्दी विदा हो गई है लेकिन उत्तर भारत में अच्छी बारिश देखने को मिल रही है। उत्तर के भागों में हाल ही में सम्पन्न हुई बारिश को इस सर्दी ऋतु में हुई सबसे अच्छी बारिश कहा जा सकता है। दूसरी ओर मॉनसून पूर्व की बारिश अभी कहीं गुम सी है। दक्षिण भारत में बीते कुछ दिनों के दौरान बहुत कम बारिश हुई है और आने वाले दिनों में भी हालात में विशेष बदलाव के संकेत अभी नहीं मिल रहे हैं।
भारत में ओलावृष्टि
भारत में ओलावृष्टि इस समय की एक सामान्य मौसमी घटना मानी जाती है। इस दौरान मुख्यतः मध्य और पूर्वी राज्यों में ओले पड़ते हैं। अधिक ओलावृष्टि का सबसे बुरा प्रभाव ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में देखने को मिलता है। देश के अन्य हिस्सों में भी ओले पड़ें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा लेकिन केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के तटीय भाग ओलावृष्टि से वंचित रह जाते हैं।
दो अलग दिशाओं की और भिन्न प्रकृति की हवाओं के मिलने से ओलावृष्टि की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। हालांकि यह भी सही है कि कोई एक मौसमी हलचल ओलावृष्टि करा दे। अधिक गर्मी के कारण भी ओलावृष्टि की गतिविधियां होती हैं। ऊपर बताए गए सभी भागों में मार्च के आरंभ से ही मौसम गर्म होना शुरू हो जाता है। इस वर्ष अभी ओड़ीशा के भुवनेश्वर में पारा 40 डिग्री के उच्चतम स्तर तक पहुँच गया है।
बारिश और ओलावृष्टि का लंबा दौर
मार्च का दूसरा सप्ताह शुरू हो चुका है और हम मौसम के रुझान में कुछ बदलाव का अनुभव कर रहे हैं। सामान्य मौसमी चक्र के अनुसार बारिश के संदर्भ में उत्तर भारत में मौसम को कम सक्रिय होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं है। उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत से ही बारिश का एक और दौर शुरू होने वाला है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार बारिश का यह दौर लंबा खिंच सकता है साथ ही बारिश भी अधिक हो सकती है। बारिश का आगामी दौर राजस्थान के पश्चिमी छोर से 10 मार्च को शुरू होगा और धीरे-धीरे उत्तर और पश्चिमी भारत के अन्य भागों में फैलेगा।
राजस्थान से लेकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 12 और 13 मार्च को अच्छी बारिश होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम ही नहीं देश के मध्य और पूर्वी राज्यों में भी वर्षा दर्ज की जाएगी। विशेषकर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर वर्षा के आसार हैं। वर्तमान में बना सिस्टम धीरे-धीरे सशक्त होगा और बड़े पैमाने पर बारिश देगा। तेलंगाना, रायलसीमा और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भी इसके प्रभाव से बारिश देखने को मिलेगी।
इस आधार पर हम कह सकते हैं कि यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब देश के दोनों उत्तर और दक्षिणी इलाके असामान्य मौसम का अनुभव कर रहे हैं। इसे मौसम के रुख में बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
Image Credit: indiatoday