उत्तर भारत के पास इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंचा है जिसके प्रभाव से राजस्थान और आसपास के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है। यह सिस्टम पिछले मौसमी जितना प्रभावी नहीं है जिससे ज्यादा बारिश या बर्फबारी की संभावना पहाड़ों पर या मैदानी इलाकों पर नहीं है। लेकिन मौसम के रुख में बदलाव पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक आएगा।
उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर, गिलगित, बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के उत्तरी भागों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। कश्मीर और हिमाचल तथा लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी कहीं-कहीं पर देखने को मिल सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ और सर्कुलेशन के चलते ही हवाओं का रुख पहले से ही बदल गया है और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान के कुछ इलाकों में हवाएं मंद पड़ने लगी है जिससे तापमान में गिरावट अब बंद हो गई है और कई शहरों में भीषण शीतलहर के साथ-साथ पाले से कुछ समय के लिए राहत मिलेगी।
बीते दिनों सीकर, चूरू और अमृतसर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ऐसे शहर हैं जहां पर तापमान शून्य से भी नीचे पहुंच गया था। 20 दिसंबर को उत्तर भारत के सबसे सर्द शहरों में अमृतसर, चूरू, सीकर, नारनौल, भीलवाड़ा, फुरसतगंज, शाहजहांपुर, पिलानी, हिसार और बरेली रहे। इन शहरों में तापमान 1 से 3 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया। सबसे कम तापमान रहा अमृतसर में 1 डिग्री सेल्सियस उसके बाद दूसरे स्थान पर चूरू में 1.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
लेकिन अब 21 दिसंबर को मौसम और बदलाव लेकर आएगा। न्यूनतम तापमान में और बढ़ोत्तरी होगी। अमृतसर, चूरू, सीकर, नारनौल समेत उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी शहरों में सामान्य के करीब पहुंच जाएगा पारा जिससे सर्दी कम हो जाएगी।
दिन का तापमान दिल्ली सहित उत्तर भारत के शहरों में अब सामान्य के आसपास पहुँच गया है। 21 दिसम्बर को कुछ स्थानों पर कोहरा छा सकता है इसलिए कल यह और अधिक नहीं बढ़ेगा लेकिन रात के तापमान में वृद्धि अवश्य होगी।
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।