मध्य प्रदेश में इस साल सर्दियों में सामान्य से कम बारिश हुई है। स्काइमेट वेदर के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी से 28 फरवरी के बीच पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 51% कम और पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 42% कम बारिश दर्ज की गयी है। वहीं छत्तीसगढ़ में फरवरी के आखिर तक मध्य प्रदेश के ठीक विपरीत सामान्य से 24% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गयी।
इस बीच प्री-मॉनसून सीज़न में मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज़ बदला है। 1 मार्च से शुरू हुए प्री-मॉनसून सीज़न में पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 2% अधिक बारिश हुई है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में हालात काफी बेहतर रहे और सामान्य से 63% अधिक बारिश देखने को मिली। लेकिन छत्तीसगढ़ में मार्च की शुरुआत थोड़ी ख़राब स्थिति से हुई है, यहाँ प्री-मॉनसून की शुरुआत में अब तक हुई बारिश में सामान्य से 22% की कमी रही है।
स्काइमेट वेदर के अनुसार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोई महत्वपूर्ण मौसमी सिस्टम न होने के कारण अगले 3-4 दिनों तक मौसम शुष्क बने रहने के आसार हैं। उसके बाद 11 मार्च के आस-पास पूर्वी मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना होते हुए रायलसीमा तक एक ट्रफ बनने का अनुमान है जिसके कारण पूर्वी मध्य प्रदेश और इससे सटे छत्तीसगढ़ के इलाकों में बारिश हो सकती है।
इसके अलावा 13 और 14 मार्च को भी उत्तर पूर्वी मध्य प्रदेश से होते हुए दक्षिणी छत्तीसगढ़ तक एक कमजोर ट्रफ बनने के आसार हैं। जिसके कारण पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आस-पास के इलाकों जैसे सीधी, सतना, उमरिया, जबलपुर, मांडला, रायपुर, दुर्ग और नंदगांव में गरज के साथ हल्की बारिश होने की सम्भावना है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इन मौसमी घटनाओं से दोनों राज्यों के बारिश के आंकड़ों में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है।
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