दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून आगे बढ़ रहा है और इसने समूचे केरल, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों को अपने दायरे में ले लिया है। कर्नाटक में भी कुछ और भागों तक मॉनसून पहुँच गया है। हालांकि मुंबई में 10 जून की सामान्य समय सीमा से यह पिछड़ रहा है। अब तक मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई और भागों, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ तथा पश्चिम बंगाल और बिहार के हिस्सों में भी इसे पहुँच जाना था।
इस समय मॉनसून थोड़ा कमजोर है, क्योंकि अरब सागर में उठा चक्रवात अशोबा ओमान के तटों की तरफ निकल गया है, जो नमीं को खींच रहा है। इसके नमीं खींचने के कारण मॉनसून कमजोर हुआ है। इस नमी की भरपाई में कुछ समय लग सकता है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए हम फिर से दोहरा दें कि भारत में मॉनसून की शुरुआत और इसके आगे बढ़ने में हो रही देरी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। मॉनसून भले ही केरल देर से पहुंचा है लेकिन हो सकता है कि यह पूर्वी और उत्तर भारत में अपने सामान्य समय पर ही पहुँच जाए।
देश के जिन भागों में मॉनसून नहीं पहुंचा है वहाँ बारिश की बात करें तो स्काईमेट के अनुमान के अनुसार देश के अलग हिस्सों में विकसित हो रही कई मौसमी गतिविधियों के चलते 13 जून से अधिकांश जगहों पर अच्छी बारिश होने की संभावना है। जिन हिस्सों में मॉनसून अभी नहीं पहुंचा है वहाँ इस बारिश को मॉनसून का अगुआ माना जा सकता।
जून की 13 तारीख से देश के अधिकांश इलाकों में शुरू होने वाली बारिश की ये गतिविधियां 16 जून तक बनी रहेंगी और संभवतः 3-4 दिनों का यह बारिश दौर इस महीने का सबसे लंबा दौर हो सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश के इसी दौर में मॉनसून अपनी लय पकड़ सकता है। पश्चिमी हवाएँ भी धीरे धीरे तेज़ होंगी जिससे पश्चिमी तटीय भागों पर एक ट्रफ बनेगा और तटवर्ती इलाकों के साथ साथ भीतरी भागों में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी।
इसी दौरान उत्तरी मध्य प्रदेश और इससे सटे उत्तर प्रदेश के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है। इससे एक ट्रफ महाराष्ट्र और तेलंगाना होते हुये कर्नाटक तक पहुंचेगी, जिससे इन भागों में बारिश बढ़ेगी।
बिहार और बंगाल में बारिश
बिहार और पश्चिम बंगाल पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र स्थिर रहेगा, जबकि बंगाल की खाड़ी में 15 जून के आसपास चक्रवाती हवाओं का एक और क्षेत्र विकसित हो सकता है। मॉनसून के पूर्वी छोर को पश्चिम बंगाल तक पहुँचने में ये दोनों सिस्टम सहायक के रूप में काम करेंगे, जिससे इन भागों में बारिश होगी।
उत्तर भारत में बारिश
जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है जिससे उत्तर भारत के पहाड़ों पर हल्की बारिश की गतिविधियां जारी हैं। इसके अलावा पाकिस्तान और उससे सटे राजस्थान पर चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र भी बना हुआ है। इन दोनों मौसमी हलचलों से पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 13 से 16 जून के दौरान बादलों की गर्जना के साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश
पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून पहले से ही पहुँच चुका है और देश के इन पूर्वी किनारों पर बारिश हो रही है। अनुमान है कि अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अच्छी बारिश जारी रहेगी। एक-दो स्थानों पर मूसलाधार वर्षा भी दर्ज की जाएगी। असम में कुछ जगहों पर लोगों का बाढ़ जैसे हालात से पहले से ही संघर्ष शुरू हो चुका है। बारिश बढ़ने से राज्य में समस्या और गंभीर हो सकती है।
Image credit: Telegraph