उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और इसके आसपास के भागों पर ऊपरी हवाओं में एक चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है। यहाँ बने मौसमी सिस्टम से मध्य प्रदेश और आसपास के भागों में कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की गई है।
उदाहरण के तौर पर मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर और खजुराहो में 4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बेतुल में 6 मिमी और उमरिया में 2 मिमी वर्षा देखने को मिली है। इसी अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में भी 6 मिमी बारिश हुई।
अनुमान है कि यह मौसमी सिस्टम अब उत्तर-पूर्व की दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में अधिकांश जगहों पर जबकि मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों में कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश हो सकती है। यह मौसमी हलचल 24 घंटों के पश्चात पूर्व की दिशा में आगे बढ़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड को प्रभावित कर सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम 31 अक्टूबर तक कमजोर हो जाएगा हालांकि उसके पश्चात यह बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र से मिलकर उत्तरी ओड़ीशा और उससे सटे पश्चिम बंगाल के भागों को 2-3 दिनों तक प्रभावित करते हुये बारिश देगा।
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में यह समय रबी फसलों की बुआई का है। ऐसे में बारिश के इस दौर से मिट्टी में नमीं बढ़ेगी जो कृषि के लिए काफी लाभदायक हो सकती है। लेकिन यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि इस समय ओलावृष्टि की संभावना रहती है। इसलिए जिन भागों में बारिश का मौसम बन रहा है उन भागों में यदि ओले पड़ें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
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