दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए बारिश का दौर आ रहा है। नवंबर और दिसम्बर में दिल्ली-एनसीआर में रुक-रुक कर बारिश होती रहती है जिसे सर्दियों की बारिश कहा जाता है और जो सर्दी की लय को बरकरार रखने के लिए ज़रूरी भी होती है। हालांकि इस साल नवंबर में महज़ 1.5 मिमी बारिश हुई थी जो सामान्य यानि 4.9 मिमी से काफी कम थी।
दिसम्बर में नवंबर के मुक़ाबले दोगुने से अधिक 9.4 मिमी बारिश होती है। माह दर माह बारिश में वृद्धि फरवरी तक होती रहती है। दिसम्बर से अधिक जनवरी में 19.3 मिमी और जवारी से अधिक फरवरी में 22.1 मिमी बारिश होती है।
English Version: Delhi rains, hailstorm likely on Dec 12, winter chill to intensify soon
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए बारिश का एक अच्छा स्पेल आ रहा है। उम्मीद ही कि 12 और 13 दिसंबर के बीच, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद सहित दिल्ली में कुछ स्थानों पर बारिश होगी। बारिश के साथ हवाएँ चलने और कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि होने की भी संभावना है।
इस बारिशों का कारण है उत्तर भारत की पहाड़ियों पर आने वाला पश्चिमी विक्षोभ। इस सिस्टम के चलते राजस्थान और इससे सटे पंजाब के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा। इन सिस्टमों के कारण पहाड़ों का मौसम कल से ही प्रभावित होगा जबकि मैदानी इलाकों में असर 11 दिसंबर से दिखाई देगा।
दिल्ली एनसीआर में हवा का पैटर्न भी बदल जाएगा और 11 दिसंबर से न्यूनतम तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा। बारिश के समय न्यूनतम तापमान भी दो अंकों तक पहुंच सकता है। 12 दिसंबर को बारिश अधिक तीव्र होगी जबकि 13 दिसंबर को थोड़ी कम होगी।
अनुमान है कि 12 दिसंबर को बादल छाए रहने और बारिश होने के कारण कोल्ड दे कंडीशन बन सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे जाने के बाद 14 दिसम्बर से मौसम फिर से साफ हो जाएगा।
Image credit: India Today
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