मॉनसून के बेहतर होने की आईएमडी की खबर 10 मई को खूब चर्चा में रही। आई एम डी के महानिदेशक के जी रमेश ने कहा कि अल नीनो के कमजोर होने की संभावना है जिससे मॉनसून के बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में मिले अल नीनो से जुड़े संकेतों के चलते यह अनुमान है कि अल नीनो कमज़ोर होगा और मॉनसून सामान्य हो सकता है। यानि दीर्घावधि पूर्वानुमान बढ़कर सामान्य यानि लगभग 100% के आसपास पहुँच सकता है।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की ब्यूरो ऑफ मिटियोरोलोजी यानी बॉम के अपडेट का रेफरेंस दिया जिसमें अल नीनो के उभार को कम करके दिखाया गया है और मॉनसून में सुधार की संभावना जताई गई है। इस खबर से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और निफ्टी एक नई ऊंचाई पर पहुँच गए। लेकिन उन्होंने इसमें मॉनसून के दीर्घावधि पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया और यह 96 प्रतिशत पर बना हुआ है। सामान्य बारिश की संभावना 38 प्रतिशत ही है। मॉनसून का दूसरा पूर्वानुमान जून तक के लिए टाल दिया गया है।
मेरा मानना है कि यह अपग्रेड मॉनसून पूर्वानुमान को अपडेट किए बिना आया है और इसका आधार है बॉम का 9 मई का वह बुलेटिन जिसमें प्रशांत महासागर के अल नीनो क्षेत्र के तापमान को कम करते हुए इसके 3.4 रहने की संभावना जताई गई है।
इसके अलावा ENSO दूसरा ऐसा पहलू है जिसका 8 मई को अपडेट आया और इसके अनुसार भी अल नीनो तापमान में गिरावट दिखाई गई और इसके 3.4 प्रतिशत रहने का संकेत दिया गया।
यह संकेत उत्साहजनक हो सकते हैं (क्योंकि नीनो क्षेत्र के ठंडा होने और मॉनसून पर इसके
सकारात्मक प्रभाव के परस्परिक संबंध को दिखाया गया है), लेकिन किसी को भी ऑस्ट्रेलिया की मौसम एजेंसी बॉम और नेशनल ओशनिक एट्मोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन यानि नोआ की पूरी रिपोर्ट पर ध्यान देना पड़ेगा। बॉम के 9 मई के अपडेट के अनुसार ट्रोपिकल पेसिफिक में इस समय अल नीनो-साऊदर्न
ओशीलेशन यानि ENSO तटस्थ स्थिति में है। कुछ मॉडल्स के अल नीनो के प्रभाव को खत्म होता दिखाने के बावजूद 2017 में मॉनसून पर इसके प्रभाव की आशंका को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता।
ब्यूरो के ENSO आउटलुक अभी भी अल नीनो वॉच हैं, इसका मतलब यह है कि आने वाले महीनों में अल नीनो के विकसित होने की 50% संभावना बनी हुई है। कुछ अंतर्राष्ट्रीय क्लाइमेट मॉडल्स ने अल नीनो की संभावना को पिछले महीने के मुकाबले कम कर दिया है।
हालांकि आठ मॉडल में से पांच अभी भी यह संकेत कर रहे हैं कि प्रशांत महासागर में वर्ष 2017 के दूसरे भाग में अल नीनो फिर से उभर सकता है।
अल नीनो साऊदर्न ओशीलेशन (ENSO) से जुड़े 8 मई को जारी अपडेट के अनुसार ENSO उत्तरी गोला में स्प्रिंग 2017 तक तटस्थ स्थिति में रहेगा और ग्रीष्म ऋतु के आखिर में अल नीनो के विकसित होने की संभावना है।
इन दोनों अपडेट के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अल नीनो से जुड़े संकेत उलझन भरे हैं, कन्फ्यूज़ करने वाले हैं, लेकिन हम अभी भी यह अनुमान लगा रहे हैं कि यह विकसित हो सकता है क्योंकि इसके उपस्थित रहने की 50% संभावना बनी हुई है। इसलिए यह मॉनसून को प्रभावित कर सकता है क्योंकि मौसम के संदर्भ में 50 प्रतिशत की संभाव्यता की गुंजाइश 100 प्रतिशत होने की बनी रहती है। लगाए गए अनुमान अस्थिर हैं और आने वाले दिनों में इसमें बदलाव हो सकता है। हमें इस पर नजर रखने और प्रतीक्षा करने की आवश्यकता है।
इसमें एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इसमें IOD, इंडियन ओशन डायपोल को नज़र अंदाज किया गया है। पहले पॉजिटिव बताया गया IOD अब कमजोर हो रहा है। बॉम के अनुसार IOD न्यूट्रल रहेगा और 6 में से चार मॉडल यह संकेत दे रहे हैं कि IOD के पॉजिटिव होने की संभावना सिर्फ सर्दियों में है। यह सकारात्मक बदलाव नहीं है क्योंकि मॉनसून में तटस्थ IOD पर अल नीनो हावी रहता है।
इस विषय में आए अपडेट के बाद हम सतर्कता से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। हम आशावान हैं लेकिन अपने मॉनसून पूर्वानुमान को संशोधित करने में जल्दबाजी नहीं दिखाएंगे। हमें अपने पूर्वानुमान को संशोधित करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही क्योंकि हमने 95 प्रतिशत बारिश की संभावना व्यक्त की है जिसमें 5% का एयर मार्जिन यानी रखा गया है। अगर परिस्थितियां बेहतर होती हैं और मॉनसून अच्छा प्रदर्शन करता है तो भी हम 100 प्रतिशत को कवर कर रहे हैं।
इन सभी आंकड़ों और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हमें नहीं लगता कि मॉनसून 100 प्रतिशत से अधिक बारिश देने वाला है। दूसरी बात यह है कि अल नीनो के उभरने की 50 प्रतिशत की संभावना हमें कमजोर मॉनसून के बारे में सोचने को मजबूर करती है। इसलिए 95 प्रतिशत एक संतुलित पूर्वानुमान है। हमें अभी इसमें किसी संसोधन के लिए और आंकड़ों के आने तक इंतजार करने की आवश्यकता है।