आम बजट वर्ष की ऐसी वित्तीय घटना है जिसे लेकर हर आम और खास वर्ग अपने लिए उम्मीद भरी नज़रों से सरकार की ओर देख रहा होता है। पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग देश की संसद में प्रस्तुत किए जाते थे लेकिन वर्ष 2017 से रेल बजट को भी आम बजट में मिला लिया गया। बजट में सरकारों का ज़ोर कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर होता है जिनमें स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा, बुनियादी ढांचा विकास, कृषि, रक्षा, परिवहन इत्यादि शामिल हैं।
इस साल भी आम बजट को लेकर लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें कुछ राहत सरकार देगी। नौकरी पेशा लोग विशेष रूप से आय कर में छूट जैसे बदलावों के लिए हर साल बजट वाले दिन उत्सुक रहते हैं। हालांकि अगर बजट के मुख्य बिन्दुओं को देखें तो ऐसा लगता है जैसे सरकार का ध्यान सबसे अधिक बुनियादी ढांचा विकास पर रहा इसीलिए इसे लोक लुभावना बजट नहीं कहा जा सकता है। आम लोगों को इस बजट से सीधे कोई लाभ न देकर सरकार ने उन्हें निराश किया है। आइये जानते हैं क्या है साल 2021 के बजट की प्रमुख घोषणाएँ।
बजट 2021: प्रमुख घोषणाएँ-
- सोना चांदी सस्ता होगा
- विदेशे से आने वाले ऑटो पार्ट महंगे होंगे
- तांबे के सामान भी सस्ते होंगे
- लोहे और स्टील के सामान सस्ते होंगे
- होमलोन पर पुरानी छूट 2022 तक लागू रहेगी
- स्टार्टअप के लिए छूट 2022 तक लागू रहेंगी
- अगली जनगणना डिजिटल होगी- वित्त मंत्री
- अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम 1 साल के लिए और बढ़ी
- सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स में राहत, 75 साल से ऊपर सिटीजन आयकर नहीं भरेंगे
- 75 साल से अधिक के बुजुर्गों को पेंशन पर इनकम टैक्स से छूट बुजुर्गों को पेंशन पर इनकम टैक्स से छूट
देश के सभी वर्गों के लिए क्या है खास:
- बजट का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगा
- 22 और फसलों को निर्यात कर सकेंगे किसान, 1000 ई मंडियां खोली जाएंगी
- चाय श्रमिकों के लिए 1000 करोड़ रुपये
- गेहूं किसानों को MSP के रूप में 75100 करोड़ रुपये दिए गए, लागत का डेढ़ गुना ज्यादा MSP देंगे
शिक्षा के लिए क्या है खास
- 750 एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जाएंगे
- पीपीपी मॉडल पर खुलेंगे 100 सैनिक स्कूल
- 15000 सरकारी स्कूलों का स्तर सुधरेगा
- पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत 35219 करोड़ रुपए 6 वर्षों में खर्च होंगे
- सभी मजदूरों को ईएसआई के दायरे में लाया जाएगा
- 32 राज्यों में वन नेशन वन कार्ड योजना लागू
- बीमा सेक्टर में 74 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति
- बुनियादी ढांचा को और बेहतर करने के लिये मार्च 2022 तक 8500 किमी सड़क, राजमार्ग परियोजनाओं का आवंटन
- मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर इसका हिस्सा होगा। वहीं, 6500 किलोमीटर हाईवे बंगाल में बनाया जाएगा
- 1100 किलोमीटर लंबी नेशनल हाईवे वर्क्स केरल में होगा। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे
- वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून, 2022 तक तैयार हो जाएगा। सोन नगर-गोमो सेक्शन पीपीपी मोड पर बनेगा
- नैशनल रेल प्लान 2030 तैयार है। फ्यूचर रेडी रेल सिस्टम बनाना हमारा लक्ष्य है।
- कोच्चि रेलवे फेस 2 के लिए 11.5 किलोमीटर 1957 करोड़ रुपए
- चेन्नई मेट्रो फेस 2 118.9 किलोमीटर, लागत 63246 करोड़ रुपए
- बेंगलुरू मेट्रो फेस 1, फेस 2 58.19 किलोमीटर 14788 करोड़
- नागपुर मेट्रो फेस 2, नासिक मेट्रो लागत 5976 करोड़ रुपए, 2019 करोड़ क्रमश
- परिवहन मंत्रालय को 1.18 लाख करोड़ का आवंटन
- टियर 1 और टियर 2 के लिए नई मेट्रो सेवा
- मेट्रो लाइट और मेट्रो नियो सेवा होगी शुरू
- 72 प्रतिशत ट्रेनें बिजली से चलेंगी
- टीयर 2 और टियर 3 शहरों के एयरपोर्ट्स का निजीकरण
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को मॉनेटाइज करने के लिए विदेशी निवेश लाने का प्रावधान किया गया
- कश्मीर में भी पाइपलाइन से गैस पहुंचाएंगे
- 100 नए शहरों में पाइपलाइन से रसोई गैस
- प्रीपेड स्मार्ट मीटर ज्यादा लगाए जाएंगे
- ग्राहक अब खुद की बिजली कंपनी चुन सकते हैं
- 4 नए नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट बनेंगे
- स्वास्थ्य बजट में 137 प्रतिशत की वृद्धि, स्वास्थ्य बजट में 2 लाख 38 हजार करोड़ रुपये आवंटित
- जलजीवन मिशन पर 2.87 लाख करोड़ खर्च आएगा, शहरों के लिए जलजीवन मिशन लॉन्च होगा
- 2.76 लाख करोड़ का गरीब कल्याण बजट
- अगले पांच साल में 1,41,678 करोड़ रुपये के व्यय के साथ स्वच्छ भारत का दूसरा चरण
- सरकार 2021-22 में कोविड-19 टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये देगी
- 100 देशों को कोरोना वैक्सीन देगा भारत
- पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा, निजी वाहनों के लिए 20 साल बाद फिटनेस परीक्षण का प्रस्ताव
- गेल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और एचपीसीएल की 20 पाइपलाइन को बाजार पर चढ़ाया जाएगा
- पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगाया, एक्साइज ड्यूटी घटाई
- हरित ऊर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अगले वित्त वर्ष में हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन शुरू होगा
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 2,000 करोड़ से अधिक की सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा
- बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी देने का प्रस्ताव
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