आम बजट,आम आदमी,किसान और उद्योग जगत सहित सभी के लिए मायने रखता है। यही वजह है कि जब केंद्र सरकार आम बजट संसद में प्रस्तुत करती है,उस वक्त सबकी निगाहें बजट में किसे क्या मिला,इसी पर टिकी होती हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान बहुत बड़ा है और यह देश की आधी से अधिक आबादी की आजीविका का आधार है। यही वजह है कि बजट से कृषि के लिए बड़ी अपेक्षाएँ होती हैं। सरकार भी कृषि क्षेत्र के महत्व को समझते हुए बजट में कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देती है।
English Veriosn: Budget 2020:Key Highlights for agriculture, horticulture and solar energy, farmers income to double by 2022
बदलती जलवायु और बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने देश के कृषि क्षेत्र के सामने नई चुनौतियाँ पैदा की हैं। ज़रूरत है कि किसान भी सरकार की नई सोच के साथ कदमताल करें ताकि विश्व के विकसित देशों की कृषि से भारत की कृषि भी प्रतिस्पर्धा कर सके।
कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान
शनिवार को जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर आम बजट-2020 पेश कर रही थीं उस समय मुंबई का स्टॉक एक्स्चेंज यानि शेयर बाज़ार भी खुला हुआ था,जो आमतौर पर शनिवार को बंद होता है। बजट-2020 के केंद्र में किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया।2020-21में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों को सरकार 2.83 लाख करोड़ रुपए देगी।
कृषि सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहन
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों के लिए नए बाजार खोलने की जरूरत है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कृषि से जुड़ी कई योजनाओं की घोषणा की। पानी के संकट से जूझ रहे100जिलों में पानी की व्यवस्था के लिए बड़ी योजना चलाई जाएगी,ताकि कृषि सिंचाई की समस्या से निपटा जा सके। पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत20लाख किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाला पंप सेट लगाने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी।15लाख किसानों के ग्रिड पंप को भी सोलर से जोड़ा जाएगा।
कृषि से जुड़े केंद्रीय नियमों को लागू करने पर ज़ोर
केन्द्र सरकार राज्यों पर कृषि भूमि लीज़िंग अधिनियम 2016,प्रोड्यूस लाइफ स्टॉक एक्ट 2017 और सर्विसेज फ़ैसिलिटेशन 2018 को लागू करवाने के लिए दबाव डालेगी। इसके अलावा सरकार ने फसलों में बढ़ते रासायनिक खादों के इस्तेमाल और मिट्टी की खत्म हो रही उर्वरता पर भी ध्यान दिया है।
सरकार ने बजट में उर्वरता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया। इसके लिए रासायनिक खादों के इस्तेमाल को कम करने और जैविक खादों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिये जाने के लिए सरकार किसानों को प्रेरित और प्रोत्साहित करेगी।
बनेंगे नए अनाज गोदाम
भारत में उन्नत कृषि विधियों से पिछले कई सालों से रबी और खरीफ फसलों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में खाद्यान्नों के भंडारण की समस्या एक चुनौती रही है। यानि देश में नए अनाज गोदामों और कोल्ड स्टोरेज की ज़रूरत महसूस की जाती रही है। अब अनाज गोदामों और कोल्ड स्टोरेज की देख रेख नाबार्ड (NABARD)करेगा और इन्हें नए तरीके से विकसित किया जाएगा।PPPमॉडल पर देश में और भी वेयरहाउस तथा कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिला किसानों के लिए धन्य लक्ष्मी योजना का ऐलान किया। इसके तहत बीज से जुड़ी योजनाओं में महिलाओं को मुख्य रूप से जोड़ा जाएगा। यानि महिलाओं के लिए भी बजट में प्रावधान हैं।
किसान रेल और कृषि उड़ान योजना का आरंभ
दूध,मांस,मछली समेत जल्द खराब होने वाली चीजों को बड़े बाज़ारों तक सुरक्षित और शीघ्र पहुंचाने के लिए वातानुकुलित'किसान रेल'कोच चलाए जाएंगे। साथ ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कृषि उत्पादों को जल्द पहुंचाने के लिए 'कृषि उड़ान' योजना शुरू की जाएगी।
देश में बागवानी क्षेत्र यानि होर्टीकल्चर का कुल उत्पादन311मिलियन मीट्रिक टन के आसपास है। अब इसके बेहतर विपणन और निर्यात के लिए व्यवस्था की जाएगी। एकीकृत कृषि प्रणाली के अंतर्गत मधुमक्खी पालन पर जोर होगा।
दूग्ध और मछली उत्पादन से बढ़ेगी आय
दुग्ध उत्पादन को 2025 तक दोगुना (108मिलियन मैट्रिक टन) करने का लक्ष्य। ब्लू इकॉनोमी के जरिए मछली पालन और मत्स्या उत्पादों के प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाएगा। वर्ष2022-23तक मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर200लाख टन करने का प्रस्ताव है।2024-25तक मछली निर्यात बढ़कर1लाख करोड़ रुपये तक हो जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड योजना को 2021 के लिए बढ़ाया जाएगा।
Image credit: GKToday
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