मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। यह बजट अन्तरिम होगा और इसे पेश भी अन्तरिम वित्त मंत्री करेंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीमार होने के कारण वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार रेल मंत्री पीयूष गोयल को सौंपा गया है। श्री पीयूष गोयल 1 फरवरी को वर्तमान एनडीए सरकार का पाँचवाँ और इस वर्ष का अन्तरिम बजट प्रस्तुत करेंगे।
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के संसद के दोनों सदनों की सयुक्त बैठक के सम्बोधन के साथ हुई। सत्र 13 फरवरी तक चलेगा। यह चुनाव के पहले का बजट है इसलिए सरकार की कोशिश सभी को खुश करने की होगी। माना जा रहा है कि कृषि और किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों की असली अग्नि परीक्षा इसी बजट में होनी है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार इस बजट में मध्य वर्ग को भी राहत देने की कोशिश करेगी। इसलिए टैक्स स्लैब बढ़ाया जा सकता है और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 40 हज़ार से अधिक किया जा सकता है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री मेडिकल इंश्योरेंस लेने पर छूट की घोषणा भी कर सकते हैं। हालांकि यह चुनाव वर्ष है इसलिए इसमें सरकार बजटीय घोषणाओं के लिए स्वतंत्र नहीं होगी बल्कि उसके हांथ बंधे होंगे।
इसके बावजूद 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मोदी सरकार के वादों, सभी किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाने, वर्तमान कृषि संकट से निपटने, सूखाग्रस्त इलाकों में किसानों और कृषि के सामने खड़ी चुनौतियों से पार पाने, किसानों की आत्महत्याओं को रोकने जैसे अनेक मुद्दे हैं जिनपर सरकार को मई में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में जनता के सामने जवाब देना है।
चुनाव वर्ष का बजट होने के कारण तमाम बंधनों और विकास को गति देने, मध्य वर्ग को खुश करने और किसानों को राहत देने के बीच मोदी सरकार कैसे संतुलन साधती है इसके लिए अभी कम से कम 24 घंटों का इंतज़ार और करना होगा।
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