वर्ष 2018 में जैसा अनुमान लगाया था मॉनसून तय समय से कुछ पहले ही केरल में आया और आगमन की साथ ही केरल सहित दक्षिण भारत के राज्यों में इसने अच्छी बारिश दी। उसके बाद भी मुंबई सहित महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों तक मॉनसून ने अच्छी प्रगति की और कई भागों में समय से पहले पहुंचकर झमाझम बारिश दी। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में आगमन के बाद मॉनसून की रफ्तार में ब्रेक लगी जिसके चलते बिहार और उत्तर प्रदेश में लोगों को मॉनसून वर्षा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
अगले पड़ाव के रूप में बिहार में पहुँचते ही मॉनसून ने रफ्तार पकड़ी और 29 जून को ही राजधानी दिल्ली सहित देश के लगभग सभी भागों में पहुंच गया। मॉनसून सीजन के दो महीने बीतने की बात की स्थिति देखें तो कहीं ज्यादा और कहीं कम बारिश के साथ 1 जून से 31 जुलाई के बीच देश भर में सामान्य से 6% कम बारिश रिकॉर्ड की गई।
अब मॉनसून में ब्रेक की स्थिति आ गई है। मॉनसून में विराम की यह स्थिति तब आती है जब मॉनसून ट्रफ हिमालय के तराई क्षेत्रों में चली जाती है और दक्षिणी भागों में कोई मौसमी सिस्टम नहीं बनता। साथ ही उत्तरी भागों में पश्चिमी हवाएँ चलने लगती हैं।
इस समय मॉनसून ट्रफ का पश्चिमी शिरा हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुंच गया है, जिससे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश में उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने लगी हैं जो शुष्क हैं। इसके चलते उत्तर-पश्चिम भारत के साथ-साथ राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश तक अगले कुछ दिनों के लिए मॉनसून वर्षा देखने को नहीं मिलेगी।
दूसरी ओर मॉनसून ट्रफ का पूर्वी सिरा अभी भी गंगा के मैदानी क्षेत्रों में है। इसके अलावा बिहार और इससे सटे भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र भी सक्रिय है। इसके चलते पूर्वी भारत के राज्यों विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल में अच्छी मॉनसून बरसात जारी रहने की संभावना है। मॉनसून में ब्रेक की स्थिति पूरे मॉनसून सीजन में आमतौर पर दो या तीन बार देखने को मिलती है।
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हालांकि बीते कुछ वर्षों में ऐसा देखा जा रहा है कि मॉनसून ब्रेक की पारंपरिक स्थिति में बदलाव आया है। मॉनसून में ब्रेक मुख्यतः तब आता है जब हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर असम और अरुणाचल प्रदेश तक मॉनसून ट्रफ हिमालय की तराई में जाकर कुछ दिनों के लिए स्थिर हो जाती है और देश के बाकी हिस्सों में बारिश बंद हो जाती है।
इस बार मॉनसून में यह ब्रेक की स्थिति ज़्यादा दिनों के लिए टिकने वाली नहीं है। यानि सभी भागों में बारिश एक साथ बंद नहीं होगी उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में जो ड्राई स्पेल शुरू हुआ है वो अगले 3-4 दिनों तक जारी रहेगी उसके बाद 7 अगस्त से फिर से मॉनसून वर्षा शुरू हो जाएगी।
Image credit: IndiaDestiny.com
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