मॉनसून के आगमन के बाद, ब्रेक मॉनसून की स्थिति प्रभावी हो जाती है। इस दौरान, देश के अधिकांश इलाकों में बारिश देखने को मिलती है। मॉनसून सीजन की ट्रफ रेखा हिमालय की तराई के क्षेत्रों पर बढ़ने से ब्रेक मॉनसून की स्थिति बनती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेक मॉनसून के दौरान, बारिश की गतिविधियां देश के पूर्वोत्तर भागों और तराई इलाकों सहित पश्चिमी तटीय भागों तक सीमित हो जाती हैं। हालांकि तराई के क्षेत्रों में एक साथ बारिश देखने को नहीं मिलती। वहीं पश्चिमी तटीय भागों में अधिकांश बारिश गोवा और इससे सटे तटीय कर्नाटक के इलाकों में देखने को मिलती है।
सामान्यतः, ब्रेक मॉनसून की स्थिति अगस्त के महीने में देखने को मिलती है। वहीं जुलाई में ऐसी स्थिति 20 जुलाई के बाद प्रभाव में आती है। लेकिन इस साल ब्रेक मॉनसून, मॉनसून ट्रफ रेखा के प्रभावी होने से पहले ही देखने को मिल रहा है।
इसके कारण, देश के पश्चिमी इलाकों सहित में पूर्वोत्तर राज्यों और तराई के क्षेत्रों में भारी बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं।
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ब्रेक मॉनसून की स्थिति के दौरान, ट्रफ रेखा लगातार गतिमान रहती है। इसके कारण, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश समेत पूर्वोत्तर भारत के तराई क्षेत्रों में लगातार बारिश देखने को मिलती रही है। हालांकि नेपाल सहित देश के पूर्वोत्तर इलाकों में भारी बारिश की गतिविधियां बनी रही हैं।
Image Credit: Times of India
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