बिहार में पिछले कई दिनों से मौसम बेहद गर्म और शुष्क बना हुआ था। जून महीने की आखिरी तारीख यानि 30 जून को मौसम ने अपना मिज़ाज़ बदला और बिहार के कई स्थानों पर तेज आंधी के साथ बारिश देखने को मिली। इससे जहां एक तरफ तापमान में गिरावट देखने को मिली वहीं दूसरी तरफ वज्रपात के कारण दो लोगों की जानें भी गई।
इसके अलावा, अलग-अलग स्थानों पर सड़कों पर पेड़ गिरने के साथ ही जल-जमाव की भी समस्याएं भी सामने आयी है।
वज्रपात में दो की मौत, कई घायल
बिहार में 30 जून को हुए आंधी-बारिश से जगह-जगह पेड़ उखड़ गए। कई जगह तो गरीबों की झोपडि़यां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। इन सब के अलावा, बारिश के साथ वज्रपात से भी क्षति हुई। बता दें कि, नवादा के कौआकोल स्थित पाली गांव में वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उधर, शिवहर के पुरनहिया थानांतर्गत कटैया गांव में हुए वज्रपात की जद में आधा दर्जन लोग आ गए। हालांकि, वहां किसी के मौत की खबर नहीं है। सभी घायल धान की रोपनी के लिए बिचड़ा उखाड़ रहे थे, तभी तेज आवाज के साथ वज्रपात हुआ।
कई जिलों में कम हुआ तापमान
बिहार के अधिकांश जिलों में रविवार को हुई बारिश के बाद तापमान में गिरावट देखने को मिली है। स्काइमेट के अनुसार, रविवार को पटना सहित आरा, गोपालगंज, सीवान, सारण, गया, जहानाबाद, आरा, बक्सर, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर तथा सीतामढ़ी के अलग-अलग स्थानों पर आंधी के साथ बारिश की गतिविधियां हुई। बता दें कि, इससे पहले यानि शनिवार तक राजधानी पटना समेत बिहार के ज्यादातर भू-भाग लू के चपेट में था।
आगे कैसा रहेगा मौसम
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दवाब का क्षेत्र बना हुआ है जिसके कारण बिहार में अगले एक सप्ताह तक रुक-रूककर बारिश होती रहेगी। अगर बिहार में मॉनसून की बात करें तो इस साल मॉनसून के आगमन में भी देरी की संभावना है।
बारिश में कमी
बिहार में अभी तक सामान्य से 41 फीसद कम बारिश ही हुई है। वहीँ अगर पटना की बात करें तो यहां सामान्य से 63 फीसद कम बारिश हुई है। पूरे बिहार में सुपौल और पश्चिमी चंपारण ही केवल दो ऐसे जिले हैं जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है।
Image Credit: South Asians News Portal
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