बिहार के अधिकांश इलाकों में 7 से 14 जुलाई के बीच गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली है। जिसके चलते यहां कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए थे। हालांकि इसके बाद बिहार में बीते कई दिनों से बारिश की गतिविधियां देखने को नहीं मिली हैं। इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में जल-स्तर में कमी जरूर आयी है लेकिन बारिश न होने से यहां का मौसम गर्म और उमस भरा बना हुआ है। वहीं बीते 24 घंटों के दौरान, बिहार के पूर्णिया में 4.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मॉनसून ट्रफ रेखा इस समय दक्षिणी बिहार से होते हुए गुजर रही है। जो कि उत्तरी दिशा की ओर बढ़ जाएगी। इसके अलावा अगले 24 घंटों में पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे बिहार के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभवना है। इन मौसमी सिस्टमों के कारण 26 जुलाई तक राज्य में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि आज यानि 23 जुलाई की रात से 24 जुलाई और 25 जुलाई को राज्य के अधिकांश इलाकों में बारिश की तीव्रता बढ़कर मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है। इसके बाद, 26 जुलाई से बारिश की तीव्रता में कमी होने के बावजूद अधिकांश इलाको में अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
इस दौरान, नेपाल के पहाड़ी इलाकों में भी भारी बारिश होने के आसार हैं। इससे एक बार फिर जल-स्तर बढ़ने की संभावना है। हालांकि इस बार होने वाली बारिश थोड़े समय तक ही रहने से बाढ़ जैसी स्थिति बनने की उम्मीद कम है।
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इसके बावजूद अररिया, सुपौल, चम्पारण, पूर्णिया और सीतामढ़ी समेत बिहार के उत्तरी जिलों के एक-दो स्थानों में जल-भराव की समस्या देखने को मिल सकती है। इसके अलावा राज्य में इस महीने के अंत तक रुक-रककर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने के आसार हैं।
Image Credit: Hindustan Times
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